नई दिल्ली । साल का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि है। सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ घटना माना जाता है। ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं में सूर्य ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व भी है। जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो यह सूर्य ग्रहण की घटना होती है। जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी जरूरी बातें-
सूर्य ग्रहण का समय-
सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा। खग्रास दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर प्रारंभ होगा। सूर्य ग्रहण का मध्यकाल दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा। खग्रास दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगा। साल का अंतिम सूर्य ग्रहण दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा।
कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण-
साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का भारत में असर न के बराबर होगा। इसे केवल ऑस्ट्रेलिया व अफ्रीका के दक्षिणी क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। कहा जा रहा है कि इसे नाम्बिया, प्रशांत, अटलांटिका, हिंद महासागर और अंटाकर्टिका क्षेत्र में भी देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल-
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।