मंदिर वाली एक गली से निकले 11 शव, हर दूसरे मकान में सजी थी अर्थी, श्मसान में कम पड़ी जगह
इंदौर के स्नेह नगर के बावड़ी हादसे को लेकर हर जुबां पर चर्चा रही। घटनास्थल वाली गली में हर दूसरे-तीसरे घर में अर्थी सजी थी। पूरे इलाके में मातम था। एक गली में रहने वाले 11 लोगों की मौत हादसे में हो गई थी। सभी की शव यात्रा जब निकली, तो देखने वालों की आंखें भर आईं। उधर श्मसान में भी एकसाथ इतने शव पहुंचने पर प्लेटफॉर्म के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ा।
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बता दें कि स्नेह नगर के एक मंदिर में लोहे के सरिए और टाइल्स बिछाकर बावड़ी को बंद किया गया था। रामनवमी के दिन कन्या पूजन के आयोजन में लोगों की भीड़ लगी थी। भीड़ के भार से बावड़ी की छत ढह गई और 36 लोगों की मौत हो गई। सभी मरने वाले आसपास के इलाके के रहने वाले हैं। इसलिए पूरे इलाके में मातम पसरा था। प्रशासन और मीडिया के लोगों की भीड़ ही गलियों में नजर आ रही थी।
प्लेटफार्म के नीचे करना पड़े अंतिम संस्कार - फोटो : अमर उजाला
जिस गली से मंदिर का प्रवेश द्वार है, उस गली के हर दूसरे-तीसरे घर में मौत हुई है। दोपहर तक उन सभी घरों में अर्थियां सज गई थीं। एक गली में 11 लोगों की शव यात्रा निकली। किसी घर में एक तो किसी में दो अर्थियां एकसाथ देखी गईं। चौराहे पर स्थित धर्मशाला के पास खड़े शव वाहनों में इन्हें रखा गया शव वाहनों से पार्थिव देह रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम तक ले जाए गए। बारी-बारी से ये शव यहां तक लाए गए। जिसने भी ये नजारा देखा, अपने आंसू नहीं रोक सका। रीजनल पार्क के मुक्तिधाम में एक साथ इतनी शवयात्राएं पहुंच गईं। शवों को जलाने के लिए जगह कम पड़ गई। प्लेटफॉर्म के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ा।
लोगों में दिखा आक्रोश
बेगुनाहों की मौत से परिजन सदमे में हैं। उनमें प्रशासन की लापरवाही का गुस्सा साफ देखा गया। बार-बार कुछ मीडिया की दखलंदाजी भी उन्हें परेशान करती रही। एक बार तो एक मीडिया वाले से परिजनों की बहस भी हो गई। इधर पुलिस ने मंदिर का गेट सील कर दिया है। बावड़ी के आसपास भी बैरिकेडिंग की गई है।