ओपिनियन

30 Nov 2025 3:29 PM IST
वसूली का रिवाज़: जब रिश्वत ने ले लिया परंपरा का रूप
आवाज़: क्या
ईंटों के दामों में 1500 रुपए तक उछाल
झूठ रो गुलाब, सच रो अजवाइन
तनाव व थकान से जूझ रही है युवा पीढ़ी
नकली के सामने पानी भरता है  भारत में असली
बेटे की शादी न होने का गम साल रहा है ,कितने माता-पिता को ...
रसोई तो है पर वो सुगन्ध कहां उड़  गई !
धंधेवाले के पहली प्राथमिकता होती है  धंधा ...
मित्र आनंद के इस मौसम में और क्या चाहते हो?
भ्रष्टाचार की धारा में डूब रही शहर की नैया, बारिश खोल देती कुशासन की पोल