ओपिनियन

रील्स को देख रहे लेकिन जिंदगी और वास्तविक रिश्तों से दूरी
मास्टर  जी की छड़ी खो गई, खत्म हो रहा अनुशासन
बीमारी, दवा और सावधानी
खुश करने वाली खबरों का तांता, ...
जेब काली, बदले जमाने में  मोबाइल.....
मुफ्त की रेवड़ी क्या बन रही है मुसीबत!
सप्ताह की प्रमुख ख़बरों पर व्यंग्यकार की चुटकी
शुभकामना… श्राद्धपक्ष की
धरती पर चांद
सड़क पर कई कटआउट रखे थे... गायों के... बैठी गायें, खड़ी गाये, भागती गायें, मारती गायें ... अजीब दृश्य था
पुलों के गिरने, सड़कों के धंसने और और रेल पटरियों का क्षतिग्रस्त होना इसका सबसे बड़ा उदाहरण
लीक का नहीं हुआ इलाज तो .. असल में कैसे होगा ईलाज!