काव्य

1 Nov 2025 4:49 PM IST
वो दिन अब कहा.. भाभी जी एक कटोरी शक्कर देना...
भाल पे लगा चंदन-वीर सपूत को वंदन
चकाचौंध में खोया युवा...!
हास-परिहास : सप्ताह की प्रमुख ख़बरों पर व्यंग्यकार की चुटकी
मोहब्बत
आया बसंत पंचमी का पर्व...!
सांस तेरी-मेरी चल रही...!
पतंग -कुछ दोहे
जज़्बात को क्यों छुपाना...
कलम बहुत बोलती है...
माँग में सिंदूर लो हो गईं दूर