साहित्य

20 Jan 2025 6:36 PM IST
कर लो नेकी, देखा-देखी
कुम्भ: सत्य सनातन ज्योति प्रज्वलित!
अब परीक्षा किसकी...?
करो पर्यावरण संरक्षण..
सांस तेरी-मेरी चल रही...!
सांस तेरी-मेरी चल रही...!
पतंग -कुछ दोहे
आँसूओं में न बहाया करो
हीरोईन के घर चोरी...
जज़्बात को क्यों छुपाना...
जरा है लो ....