साहित्य

चारधाम यात्रा शुरूआत अक्षय तृतीया से होती
शतकवीर हुए वैभव
प्यार परवान चढ़ता है...!
विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष
ना समझा करों गरीब...!
आत्म-रक्षा के संस्कार दीजिए...!
कविता : बादशाह हाथ जोड़े माता हो महान्...!
भारत से मनोज हो गए अलविदा...!
जगरातों की अथाह विजय...
गणगौर का व्रत है खास...!
ज़िन्दगी जीने दो अपलक...!
हंसना बेहद जरूरी