साहित्य

पिरोने दो सुख-दुःख की माला...!
19 फरवरी - शबरी जयंती पर विशेष -  माता शबरी तपस्या कर हुई व्यक्त...!
पालन यशोदा माता ने किया...!
मोहब्बत
प्रेम दिवस पर विशेष कविता
ग़ज़ल: मैं भी निराला...!
जीता है देश दिल्ली हो विशेष...!
उम्मीदों का है वास...!
कौन सुने फरियाद...?
लोक-सेवकों‘ं के यहां भरा भण्डार है...?
आया बसंत पंचमी का पर्व...!
गणतंत्र दिवस है न्यारा...!