18 मई - अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस

18 मई - अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस
कहानियां पुनः अतीत से जोड़ती...!
हमको कहानियां पुनः अतीत से जोड़ती हैं,
भविष्य के लिए प्रेरणा देती मुख मोड़ती हैं।
इन संग्रहालयों का जीवन में खूब हैं महत्व,
सामाजिक,सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक सत्व।
ये हैं मानव सभ्यता की एक अमूल्य धरोहर,
इतिहास, संस्कृति, कला व विज्ञान सरोवर।
हमको कहानियां पुनः अतीत से जोड़ती हैं,
भविष्य के लिए प्रेरणा देती मुख मोड़ती हैं।
प्राचीन मूर्तियाँ व हस्तलिखित पांडुलिपियाँ,
पारंपरिक वस्त्र एवं अविष्कार की युक्तियाँ।
अतीत के कलाकार-भविष्य के रचनाकार,
संग्रहालयों में संरक्षित करते इतिहासकार।
हमको कहानियां पुनः अतीत से जोड़ती हैं,
भविष्य के लिए प्रेरणा देती मुख मोड़ती हैं।
एक छत के नीचे हजारों-हज़ार कहानियाँ,
होती संरक्षित उन्हें फैला देती हैं जुबानियाँ।
संग्रहालयों की परंपरा समृद्ध और विविध,
डिजिटल क्रांति और वैश्वीकरण से बहुविध।
- संजय एम तराणेकर
(कवि, लेखक व समीक्षक)
इन्दौर-452011 (मध्यप्रदेश)