काश एक कोशिश की होती जिंदगी जी जाने की.....
उन टूटे हुए सपनों को भुलाकर नई उम्मीदें जगाने की।
जो साथ ना दे सके उन लोगों को भुलाने की,
और वक्त के साथ बढ़ते रिश्तो को सुलझा ने की।
काश एक कोशिश की होती जिंदगी जी जाने की....
इस झूठी दुनिया में अपने वजूद को समाने की,
दिल और दिमाग की लड़ाई में दिमाग को जिताने की....
मन में उठते तूफानों को सबके सामने लाने की....
कुछ अनकही बातों और जज्बातों को अपनों को बताने की....
काश एक कोशिश की होती जिंदगी जी जाने ,की और फिर से मुस्कुराने की।
शालिनी वैद, भीलवाड़ा,राजकोट
फैकल्टी,रसायन विज्ञान