जोगणियां माता मंदिर में चढ़ाया गया 1 किलो का सोने का कलश, श्रद्धालुओं की जुटी भीड़

जोगणियां माता मंदिर में चढ़ाया गया 1 किलो का सोने का कलश, श्रद्धालुओं की जुटी भीड़
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भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी
भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ की सीमा पर स्थित मेवाड़ के प्रसिद्व जोगणिया माता में नवनिर्मित मंदिर के शिखर पर सात दिवसीय कलश प्रतिष्ठा महोत्सव में 51 कुंडीय महायज्ञ का समापन शुक्रवार को हुआ। शुक्रवार को मंदिर शिखर पर 1 किलो सोने के कलश की स्थापना विधि-विधान और पूजा अर्चना के साथ हुई। इस दौरान हजारों की तादाद में भक्तजन मौजूद रहे। आज पूर्णाहुति के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पहुंच कर आहुतियां दी वहीं चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने गुरुवार रात को जोगणियां माता मंदिर में सजी छप्पन भोग की झांकी के दर्शन किए। लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला जोगणिया माता कलश प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने के बाद क्षेत्र के बानोड़ा बालाजी मंदिर दर्शन कर आर्शिवाद प्राप्त किया।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि जोगणिया माता मन्दिर हिंदुओं के पावन तीर्थ स्थल है। यहां का विकास कार्य करवाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यहां के विकास कार्य में कोई भी कमी नहीं आने दी जाएगी। यहां से लाखों की तादाद में देश भर के भक्तों का संपर्क है तथा उनके यहां पहुंचने पर ट्रस्ट की ओर से सभी माकूल बंदोबश्त किये गये है फिर भी ओर योजना बनाकर कार्य कराये जायेगें।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने शुक्रवार को जोगणियां माता में हुए स्वर्णकलश स्थापना आयोजन में भाग लिया व जोगणियां माता मन्दिर में दर्शन किए। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी एवं भाजपा जिला अध्यक्ष लादूलाल तेली भी मौजूद रहे। जोगणियां माता शक्तिपीठ अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक भवरलाल जोशी से लोकसभा स्पीकर बिड़ला ने आशीर्वाद लिया। जोगणियां माता शक्तिपीठ कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी सहित कमेटी के लोगो द्वारा स्पीकर बिड़ला को माता रानी की तस्वीर व दुपट्टा भेटकर स्वागत सत्कार किया गया। जोगणियां माता मंदिर में चल रहे महायज्ञ में लोकसभा स्पीकर बिड़ला ने आहुतियां प्रदान की।
शुक्रवार को पण्डितो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ शुभ मुहूर्त मन्दिर पर जोगणियां माता शक्तिपीठ अध्यक्ष भंवरलाल जोशी, कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी के सानिध्य में माता के जयकारों के साथ स्वर्णकलश स्थापना की गई। दूर दराज से आए हजारो श्रद्धालु ऐतिहासिक पल के गवाह बने। स्वर्णकलश स्थापना के बाद प्रसादी का वितरण किया गया।
अभिजीत मुहूर्त में मंदिर शिखर पर चढ़ने वाले स्वर्ण कलश, नवनिर्मित हनुमान मंदिर, महादेव मंदिर एवं देव नारायण मंन्दिर के साथ साथ निज मंदिर परिक्रमा मे स्थापित होने वाली 64 योगिनी की मूर्तियों व यज्ञशाला एवं अन्न क्षेत्र में धार्मिक आयोजन विधिवत रुप से किए गए।
शुक्रवार को मंदिर शिखर पर 1 किलो सोने के कलश की स्थापना विधि-विधान और पूजा अर्चना के साथ हुई। इस मौके पर श्रद्धालुओं की मौजूदगी में स्वर्ण कलश मंदिर के शिखर पर चढ़ाया। नवनिर्मित देवनारायणजी, शिव परिवार, चैसठ योगिनी, काल भैरव और बटुक भैरव मंदिरों के शिखर पर कुल ढाई सौ ग्राम सोना मिश्रित कलश स्थापित किए। हनुमान मंदिर पर धातु मिश्रित कलश चढ़ाया।
जोगणियां माता शक्तिपीठ प्रबंध एवं विकास संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने बताया कि जोगणिया माता में मुख्य मंदिर के शिखर पर चढ़ाए जाने वाले कलश का कुल वजन 1582 किलोग्राम है। गुजरात के दक्ष कारीगरों ने कलश को भव्यता का आकार दिया है। मुख्य कलश बनाने में 1 किलो सोना 81 किलो तांबा धातु का उपयोग किया गया है। कलश की ऊंचाई 55 इंच और चैड़ाई 41 इंच हैं। जोगणिया माता मंदिर परिसर स्थित चार मंदिरों पर छोटे कलश स्थापित किए गए। इसमें कुल ढाई सौ ग्राम सोना लगा है। हनुमान मंदिर के शिखर पर विशेष धातु का कलश स्थापित किया गया।
मंदिर शिखर पर स्थापित थम्भ को पाताल से जोड़ा गया हैं। अन्य मंदिरों पर 17 इंच के तीन कलश, 7 इंच का एक कलश, 17 इंच का एक अन्य कलश तांबा निर्मित कलश और थंभ बनाने वाले गुजरात के कारीगर हरीश चंद्र सोमपुरा ने बताया कि बच्चा जब मां के गर्भ में होता है, तो उसकी नाभि मां के पेट से जुड़ी होती है, ताकि पोषण मिल सके। इसी तरह मंदिर के शिखर पर लगाए जाने वाले थंभ का लिंक पाताल से होता है. जोगणिया माता मंदिर के शिखर पर पीतल निर्मित थंभ लगाया गया है। इसमें घंटियां लगी है, जो हवा के साथ घंटियां बजेगी, पीतल से निर्मित थंभ की ऊंचाई 20 फीट और वजन 300 किलोग्राम है।

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