अलकनंदा के तट पर एक साथ जलीं 15 चिताएं, हर ओर मची चीत्कार
चमोली में अलकनंदा के तट पर गुरुवार को जब एक साथ 15 चिताएं जलीं तो हर ओर चीत्कार गूंज उठी। हर किसी की आंख में आंसू और जुबां पर एक ही बात थी कि ऐसा किसी के साथ कभी न हो....
चमोली में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया था। नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर करंट फैलने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। करंट हादसे में मारे गए लोगों का बृहस्पतिवार को अलकनंदा किनारे पैतृक घाटों पर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
हरमनी और रांगतोली गांव के 13 शवों का बाजपुर कुहेड़ में अलकनंदा किनारे और पांडुली गांव के दो शवों का अंतिम संस्कार बालखिला नदी तट पर किया गया। इस दौरान गांवों से बड़ी तादात में ग्रामीण अंतिम संस्कार में शामिल हुए। जब एक साथ चिताओं पर आग लगी तो चारों ओर सन्नाटा पसर गया। घाट पर हर कोई इस घटना से स्तब्ध था।
हरमनी के योगेंद्र सिंह को उनके भाई अजय ने मुखाग्नि दी, जबकि मनीष चंद्र ने अपने पिता महेंद्र लाल व भाई दीपू को नम आखों से मुखाग्नि दी। वीरेंद्र सिंह ने अपने बड़े भाई सुरेंद्र सिंह की चिता को अग्नि दी। इसी गांव के वीरेंद्र ने अपने भाई सुरेंद्र लाल को गमगीन माहौल में मुखाग्नि दी। मृतक मुकुंदी लाल को उनके बेटे धीरज व वीरेंद्र ने मुखाग्नि दी। रांगतोली के मृतक सुमित असवाल को उसके भाई अमित ने मुखाग्नि दी। मृतक प्रमोद कुमार को उनके भाई प्रदीप सिंह ने मुखाग्नि दी।
मृतकों के नाते-रिश्तेदार भी सुबह ही घाट पर पहुंच गए थे। इस घटना ने फरस्वाण फाट क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। जब अंतिम संस्कार के बाद ग्रामीण घर वापस पहुंचे तो रांगतोली और हरमनी गांव में चीख पुकार मच गई। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे में सबसे अधिक हरमनी गांव के 10 लोग काल के मुंह में समाए हैं। रांगतोली गांव के तीन और पाडुली गांव के दो (पिता-पुत्र) लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
चमोली में हुए करंट हादसे में तीन गांवों के 14 लोगों की मौत हुई है। इसमें सबसे अधिक हरमनी गांव से 10 लोगों की मौत हुई है। खास बात यह है कि मरने वालों में नौ लोग 22 से 38 साल के बीच के हैं।
रांगतोली से दो और पाडुली गोपेश्वर से दो लोगों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे कम उम्र के 22 साल के हरमनी निवासी प्रमोद कुमार हैं। अन्य 30 से कम उम्र वालों में रंगतोली के 24 साल के सुमित असवाल, पाडुली गोपेश्वर के विपिन 26 साल, हरमनी के सुरेंद्र कुमार 26 साल भी शामिल हैं।
क्षेत्र के जवान लोगों की मौत से हर कोई सदमे में है। जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में सुबह से देर शाम तक लोगों की भीड़ जमा रही। दुर्घटना में सबसे अधिक प्रभावित हरमनी और रंगतोली आसपास के गांव हैं। एक सात क्षेत्र के नौ युवकों के साथ अन्य लोगों की मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
आपनों की चिताओं को जलते देखते लोग
तीन गांव के 14 लोगों की मौत के बाद चमोली जनपद में गांव-गांव में मातम पसरा हुआ है। हरमनी, रांगतोली और पाडुली गांव में चूल्हे तक नहीं जले। हर कोई इस हादसे से स्तब्ध है।