गणेश चतुुर्थी की पूजा में शामिल न करें 5 चीजें

गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 को है. 10 दिन तक बप्पा की पूजा की जाती है. गणेश जी की पूजा में 5 चीजें वर्जित हैं. मान्यता है गणपति पर ये सामग्री चढ़ाने से वो नाराज हो जाते हैं.

तुलसी - पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी ने तुलसी का शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. गणपति ने तुलसी को श्राप दिया था कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा, इसलिए गणेश चतुर्थी पर बप्पा की पूजा में तुलसी को वर्जित माना गया है.

टूटे अक्षत - गणपति की पूजा में खंडित अक्षत अशुभ माने गए हैं. गणेश चतुर्थी पर स्थापना के दौरान गणेश जी को थोड़े से जल से गीला करके अक्षत उन्हें अर्पित करें, ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान गणेश का एक दांत टूटा हुआ है और गीले चावल ग्रहण करना उनके लिए सहज होता है.

केतकी फूल- गणेश जी को सिंदूरी और लाल रंग अति प्रिय है. भूल से भी गणेश चतुर्थी पर उन्हें सफेद पुष्प जैसे केतकी का फूल अर्पित ना करें. भगवान भोलेनाथ की भांति गणेश जी को भी केतकी के फूल नपसंद हैं.

सफेद वस्तु- सफेद रंग का संबंध चंद्रमा से है. पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने गणपति को जब गज का मुख लगाया जा रहा था तब चंद्रमा ने गणेश जी का उपहास किया था, क्रोध में आकर भगवान श्रीगणेश ने चंद्रमा को श्राप दे दिया था. सफेद रंग की कोई भी वस्तु जैसे सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, सफेद पुष्प भगवान गणेश की पूजा में वर्जित मानी जाती है. इनके उपयोग से गणपति जी नाराज हो जाते हैं.

सूखे फूल - गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक गणेश जी की विधिवत पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है, इसलिए ध्यान रखें कि भले ही उन्हें एक फूल अर्पित करें लेकिन वो फूल ताजा होना चाहिए. गणपति जी को बासी और सूखे फूल न चढ़ाएं.
