प्रेमी जोड़े की हत्या कर नदी में बहाए शव , आसुंओं का सैलाब लिए बाप ने पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार
मुरैना जिले के अंबाह क्षेत्र में एक पिता ने अपने जवान बेटे के मरने पर तेरहवीं के संस्कार पूरे किए। बेटे का शव नहीं मिलने पर वो 13 दिन पहले बेसन का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर चुके हैं। उनके बेटे की गलती बस इतनी थी कि वो इलाके की ही एक लड़की से प्यार करता था। लड़की भी उसे पसंद करती थी, दोनों साथ रहना चाहते थे। ये बात लड़की के पिता को नागवार गुजरी और उसने दोनों को पहले पीट-पीटकर मार डाला फिर शव में पत्थर बांधकर चंबल नदी में फेंक दिए।
इस मामले को शुरू से गंभीरता से नहीं ले रही पुलिस टीम एसपी की फटकार के बाद हरकत में आई है, लेकिन तब तक इतनी देर हो चुकी थी कि तीन दिन चंबल में लगातार सर्चिंग के बाद भी प्रेमी जोड़े की लाश तो दूर कोई अवशेष तक नहीं मिल सका है। लगातार दूसरे दिन सर्चिंग के बाद भी पुलिस को दोनों की लाश तो दूर कोई अवशेष तक नहीं मिला है। सर्चिंग सोमवार शाम के बाद बंद कर दी गई।
युवक राधेश्याम के परिजन ने तो अब शव मिलने की आस ही छोड़ दी है। यहां व्यक्ति ने अपनी बेटी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी और दोनों के शव चंबल नदी में फेंक दिए। जानकारी मिलने के बाद रविवार को पुलिस चंबल नदी के रेह घाट पर पहुंची। स्थानीय गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम चंबल नदी में पिछले तीन दिनों से शवों को तलाशने में जुटी है, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई है।
गौरतलब है कि जिले के अंबाह के रतन बसई गांव में रहने वाली 18 साल की शिवानी तोमर और पास में ही पुरा बरबाई का रहने बाला 21 साल का राधेश्याम तोमर एक दूसरे से प्रेम करते थे और दोनों तीन जून से लापता थे। काफी तलाश करने के बाद परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस 15 दिन से दोनों की तलाश कर रही थी। युवक के परिवार वालों के आशंका जताने के बाद एसडीओपी पुलिस ने जब युवती के परिजनों से कड़ाई से पूछताछ की, उसके बाद मामले का खुलासा हुआ। उसने पुलिस को बताया है कि शनिवार को उन्होंने हत्या करना स्वीकार कर लिया।
पुलिस ने बताया है कि शिवानी और राधेश्याम छह मई को भी घर से भागे थे। तलाश करने पर 11 मई को उत्तर प्रदेश में मिले थे। तब पुलिस ने दोनों को उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया था। राधेश्याम के भाई घनश्याम सिंह तोमर ने बताया कि एक जून को शिवानी के पिता ने उन्हें कॉल कर धमकी दी थी कि अपने भाई को समझा लो। उसे गांव से दूर भेज दो नहीं तो अंजाम ठीक नहीं होगा। इसके बाद तीन जून को मेरा भाई और शिवानी लापता हो गए। हम उन्हें तलाश कर रहे थे। पुलिस को इस धमकी के बारे में बताया तो उन्होंने शिवानी के पिता से पूछताछ की, उन्होंने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।