टमाटर के बाद केला के दाम छू रहे आसमान ,100 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा
नई दिल्ली : सब्जियों के बाद अब केले की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. बेंगलुरु में केले की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई हैं. केले की कीमत में उछाल की वजह आपूर्ति और मांग में उतार-चढ़ाव को माना जा रहा है. आगामी त्यौहारी सीजन में केले के साथ ही अन्य फलों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है. वहीं, बिचौलियों की मिलीभगत के चलते ऊंची कीमतों का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार शहर के अधिकारी हालिया कीमतों में उछाल के पीछे आपूर्ति दिक्कतों को जिम्मेदार मानते हैं. बेंगलुरु केले की आपूर्ति के एक बड़े हिस्से के लिए तमिलनाडु पर अधिक निर्भर है. बेंगलुरु एपीएमसी के सचिव राजन्ना ने बताया कि शहर में केले की खपत दो किस्मों एलाक्कीबेल और पचबाले की अधिक होती है. वर्तमान में तमिलनाडु से आवक सीमित हो गई है. लगभग 30 दिन पहले बिन्नीपेट बाजार में एलाक्कीबेल केला 1,500 क्विंटल आ रहा था जो अब घटकर 1,000 क्विंटल तक सीमित हो गया है.
बेंगलुरु एपीएमसी के अनुसार शहर का आपूर्ति नेटवर्क तुमकुरु, रामानगर, चिक्काबल्लापुरा, अनेकल और बेंगलुरु ग्रामीण तक भी फैला हुआ है. हाल के दिनों में मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन में उतार-चढ़ाव के चलते कीमतों में बदलाव देखा जा रहा है. बेंगलुरु एपीएमसी के सचिव ने कहा कि तमिलनाडु अपनी आपूर्ति होसुर और कृष्णागिरि से करता है. अंतरराज्यीय आपूर्ति बाधाओं के कारण इलाक्कीबेल केले की थोक कीमतें वर्तमान में 78 रुपये प्रति किलोग्राम हैं और पचबले के लिए 18-20 रुपये प्रति किलोग्राम हैं. परिवहन और मार्केटिंग खर्चों को ध्यान में रखते हुए खुदरा कीमतें क्रमशः 100 रुपये और 40 रुपये तक बढ़ गई हैं.
त्योहारों के चलते मांग में तेजी बढ़ाएगी कीमत
जैसे-जैसे ओणम, गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा त्योहार नजदीक आते जाएंगे केले की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में उछाल और भी बढ़ने की संभावना है. त्योहारों के चलते बढ़ती मांग उत्पादन से अधिक हो जाती है. चुनौती स्टॉक को फिर से भरने में है. कुछ ही दिनों में कीमतों में भारी वृद्धि की आशंका है.