कृषि विभाग की टीम ने किया रैपिड रोविंग सर्वे
चित्तौड़गढ़ । कृषि विभाग, चित्तौड़गढ़ के अधिकारी एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम ने चित्तौड़गढ़ जिले की गंगरार राशमी कपासन, भोपाल सागर एवं उदयपुर चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति के गांवो का आज खरीफ फसलों में रैपिड रोवीग सर्वे किया गया।
टीम प्रभारी सहायक निदेशक, कृषि खंड भीलवाड़ा दिलीप सिंह चुंडावत ने बताया कि इन पंचायत समितियों के गांवो गंगरार सुदरी अमरपुरा, खारखंदा रूद. राशमी, भीमगढ़ जाडाना, डिंडोली, गोरा का निंबाहेड़ा, केसर खेड़ी, सिंहपुर आदि गांवो का भ्रमण किया गया । इन गांवों के किसानों को उनके खेत पर ही फसलों संबंधित इनके निदान की जानकारी उपलब्ध कराई गई। कृषि खंड भीलवाड़ा के मास्टर ट्रेनर कीट विज्ञानी, डॉक्टर किशन जीनगर ने बताया कि मक्का की फसल में कहीं-कहीं पर फॉल आर्मीवर्म की शिकायत मिली है। किसानों को सलाह दी गई की इसके प्रभावी नियंत्रण हेतु इमामैक्टिन बेंजोएट या लेमडा साईहेलोथ्रीन या स्पाइनोशेड कीटनाशक का 10 मिली लीटर प्रति टंकी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें साथ ही उड़द सोयाबीन कपास आदि फसलों में कीट की हानि का प्रकार नहीं देखा गया है। सोयाबीन व उड़द में लगातार बारिश एवं मौसम में नमी रहने के कारण इन दोनों फसलों में पीलिया रोग आने की भरपूर संभावना है। किसानों को सलाह दी जाती है कि उड़द फसल में पत्ती धब्बा रोग आने पर 3 ग्राम मैकोजेब को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें साथ ही सोयाबीन की फसल तथा उड़द फसल में पीलिया रोग आने पर इमिडाक्लोप्रीड 10 मिली लीटर प्रति टंकी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
वैज्ञानिक डॉ रामावतार ने किसानों को आग्रह किया कि खरीफ फसलो में सोयाबीन फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु 100 ग्राम इमिजाथापर सक्रिय तत्व बुवाई के 15 से 20 दिन के अंदर छिड़काव करें। मक्का फसल में टॅबोट्रियोन 120 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हैक्टर के हिसाब से 15 से 20 दिन के अंदर छिड़काव करें। साथ ही उड़द फसल में क्यूजेलोफॉब 50 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हैक्टर छिड़काव करने से फसलों में खरपतवार नियंत्रित किया जा सकता है।
रैपिड रोमिंग सर्वे में कपासन के सहायक निदेशक कृषि विस्तार रामजस खटीक, प्रशांत जाटोलिया, हीरालाल, कृषि अधिकारी एवं डॉ ललित छाता भ्रमण दल के साथ सर्वे में भाग लिया टीम प्रभारी श्री दिलीप सिंह चुंडावत ने बताया कि विशेष तौर पर मक्का में 5 प्रतिशत के आसपास प्रकोप देखा गया। किसानों को सलाह दी जाती है कि ऊपर बताई हुई दवाओं का छिड़काव करें एवं इन्हें आगे बढ़ने से रोके। यह जानकारी संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) दिनेश कुमार जागा ने दी।