क्रोध से लीवर, दुख से फेफडे, चिंता से पेट और तनाव से ह्दय और मष्तिष्क पर पड़ता है असर
भोपाल. ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस में डॉक्टर्स के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया। पाॅज़िटिव इमोसंस की टू वेलनेस विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अनेक डॉक्टर्स और चिकित्साकर्मियों ने भाग लिया। इस मौके पर सकारात्मक दृष्टि और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अनेक टिप्स दिए गए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारीज माउंट आबू से आए बी के डॉ प्रेम मसंद ने कहा कि व्यक्ति को अपनी वैल्यू कभी कम नहीं करनी चाहिए। लोग कुछ भी कहे उनकी परवाह नहीं करनी है। कोई कुछ भी कहे मुझे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। अपनी सेल्फ वैल्यू की तुलना कभी दूसरों से न करें। हमेशा यह संकल्प करें कि जो मैं कर सकता हूं, वैसा इस संसार में दूसरा नहीं कर सकता। मुझे भगवान ने सब कुछ दिया है, मैं जो हूं जैसा हूं अच्छा हूं। जीवन में फेल (असफल) होना सबकुछ खत्म हो जाना नहीं है। फेल होने के बाद फिर से खड़ा होना है।
हमारी भावनाओं का असर शरीर पर
डॉ प्रेम मसंद ने कहां कि हमारी भावनाओं का सीधा असर शरीर के अंगों पर पड़ता है । उदाहरण के तौर पर क्रोध करने से लीवर पर असर पड़ता है। दुःख फेफड़ों को कमजोर कर देता है, चिंता से पेट खराब होता है, तनाव से हृदय एवं मस्तिष्क पर असर होता है, डर से किडनी पर असर होता है। इसके विपरीत सकारात्मक भावनाओं से शरीर स्वस्थ होता है। प्यार शांति लाता है, सद्भाव मन और शरीर को मजबूत करता है, हंसी तनाव को कम करती है, मुस्कुराहट ख़ुशी फैलाती है। म्यूजिकल एर्क्ससाइज भी कराई इस मौके पर मौजूद लोगों को विभिन्न एक्टिविटी और म्यूजिकल एक्सर्साइज भी कराई गई। ब्लेसिंग हाउस सेवाकेन्द्र निदेशिका बी के डॉ रीना दीदी ने कहा कि डॉक्टर्स समाज के लिए समर्पित रूप से कार्य करते हैं, अनेक विषम परिस्थितियों में भी अपनी परवाह न करते हुए भी वे मानव एवं समाज की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। इस मौके पर डॉ नीरा चौधरी, राजेश मिश्रा, डॉ मनोज वर्मा, डॉ एके गोयल, डॉ पीएस बिंद्रा सहित अनेक अनेक लोग मौजूद थे।