5 साल में 2 लाख सहकारी समितियां बनाने की योजना को मंजूरी

5 साल में 2 लाख सहकारी समितियां बनाने की योजना को मंजूरी
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देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले 5 साल में 2 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) और मत्स्य सहकारी समितियां गठित करने की योजना को मंजूरी दी है। यह समितियां देश की उन पंचायतों और गांवों में बनेंगी, जहां अब तक ऐसी समिति नहीं हैं।

इस समय देश में करीब 63,000 PACS काम कर रही हैं। देश के सभी पंचायतों में व्यावहारिक PACS गठित होंगी, जहां ऐसी समितियां नहीं हैं। इसके अलावा व्यावहारिक डेरी कोऑपरेटिव, तटवर्ती इलाकों के पंचायतों व गांवों में व्यावहारिक मत्स्य कोऑपरेटिव गठित होंगी, जहां बड़े जलाशय हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

परियोजना लागू करने के लिए नाबार्ड, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (NDDB) और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) कार्ययोजना तैयार करेंगे। आधिकारिक बयान के मुताबिक योजना को सरकार की विभिन्न योजनाओं को सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण की भावना से जोड़कर लागू किया जाएगा।

जिन योजनाओं को बदलाव के लिए चिह्नित किया गया है, उसमें पशुपालन और डेरी विभाग के तहत आने वाले डेरी विकास और डेरी प्रॉसेसिंग की राष्ट्रीय योजना और मत्स्य पालन विभाग की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और फिशरीज ऐंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) शामिल हैं।

कैबिनेट ने पिछले साल जून में PACS के कंप्यूटरीकरण को मंजूरी दी थी, जिससे इनके परिचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। कुल 2,516 करोड़ रुपये के बजट से 63,000 काम कर रही PACS का कंप्यूटरीकरण किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 1,528 करोड़ रुपये है।

वाइब्रेंट विलेज

कैबिनेट ने केंद्र प्रायोजित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को भी मंजूरी दी है। यह योजना 2022-23 से 2025-26 तक के लिए है, जिसे 4,800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे 4 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में बुनियादी ढांचे का विकास होगा और आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे।

ITBP

मंत्रिमंडल ने सीमा पर काम करने वाली 7 नई बटालियन को मंजूरी दी है। इससे भारत-चीन एलएसी की रक्षा करने वाले इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की संख्या 9,400 हो जाएगी।
नए नियुक्त मानव संसाधन का इस्तेमाल 47 नए बॉर्डर पोस्ट और एक दर्जन स्टेजिंग कैंपों या सीमावर्ती इलाकों में बने कैंपों में होगा। 2020 से ही लद्दाख में भारत व चीन की सेनाओं में खींचतान चल रही है।

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