साइकिल से संसद जाने वाले अर्जुन राम मेघवाल? जिन्हें कानून मंत्रालय की मिली जिम्मेदारी

साइकिल से संसद जाने वाले अर्जुन राम मेघवाल? जिन्हें कानून मंत्रालय की मिली जिम्मेदारी
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किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय छीन लिया गया है। अब अर्जुन राम मेघवाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपने सरल जीवन के लिए प्रसिद्ध मेघवाल वर्तमान में केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री, पूर्व केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा विकास मंत्री तथा बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद है।

 साल 2009 में शुरू हुआ राजनीतिक जीवन

अर्जुन राम मेघवाल का जन्म 7 दिसंबर 1954 में हुआ। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जब भाजपा के टिकट पर बीकानेर लोकसभा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। केन्द्र सरकार में वित्त व कंपनी मामलात राज्य मंत्री संसदीय कार्यमंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री रहे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए।

साइकिल से चलना ज्यादा पसंद
बताया जाता है कि केंद्रीय मंत्री को सरकार की तरफ से कार दी गई है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल करने की बजाय साइकिल से चलना ज्यादा पसंद करते हैं। वह शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन भी साइकिल से ही पहुंचे थे। पूर्व नौकरशाह होने से सरकारी कामकाज की अच्छी समझ, वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री रहते हुए अच्छा काम किया। मेघवाल को प्रधानमंत्री मोदी की पसंद माने जाते हैं।


घोटाले को लाए सामने
मेघवाल की जीवन यात्रा बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है। मेघवाल ने राजस्थान के बीकानेर में रॉबर्ट वाड्रा के कथित अवैध भूमि सौदे को प्रकाश में लाने का काम किया था, जिसके बाद वह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गए थे। 

13 साल की उम्र में शादी
बीकानेर के किसमिदेसार गांव के एक पारंपरिक बुनकर परिवार में जन्मे मेघवाल की शादी मात्र 13 साल की उम्र में हो गई थी। पिता के साथ बुनकर के रूप में काम करते हुए भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। बीकानेर के श्री डुंगर कॉलेज से उन्होंने बीए की डिग्री पाई और उसी संस्थान से वकालत की स्नातक डिग्री एलएलबी और स्नातकोत्तर डिग्री भी हासिल की।

पढ़ाई के बाद की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी 
पढ़ाई पूरी करने के बाद मेघवाल ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। उन्हें भारत डाक एवं तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर का पद मिला। राजनीति में उनकी शुरुआत तब हुई, जब वह टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़े और महासचिव चुने गए। टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए मेघवाल ने दूसरे प्रयास में राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली। नौकरशाहों की शीर्ष टोली में इन्हें तब जगह मिली जब इनको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के रूप में प्रोन्नत्ति मिली और राजस्थान के चुरू के जिलाधिकारी बने।

ऐसा रहा जीवन
वर्ष 2009 में भाजपा ने मेघवाल को बीकानेर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट का प्रस्ताव दिया। वह जीत कर संसद सदस्य बन गए। उसी संसदीय क्षेत्र से मेघवाल वर्ष 2014 में फिर निर्वाचित हुए।

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