किले में तब्दील अयोध्या, स्पाइस जेट ने किया खास एलान; हर दिन रुक सकेंगे 30 हजार लोग

किले में तब्दील अयोध्या, स्पाइस जेट ने किया खास एलान; हर दिन रुक सकेंगे 30 हजार लोग
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  अयोध्या का भव्य रामलाल का मंदिर बनकर तैयार है। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। हर राम भक्त हो इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पहले विधिवत पूजा अर्चना करने की तैयारी की जा रही है।

 

 

अयोध्या में प्रतिदिन 30 हजार लोगों के रुकने का इंतजाम करेगी सरकार
22 जनवरी को श्रीरामलला अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। कई महीनों में अनेक राज्यों का दौरा कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मेजबान के रूप में 22 जनवरी के बाद लोगों को आमंत्रित भी कर चुके हैं। लिहाजा उनके रहने-खाने, रुकने, साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था हो, इसके लिए सीएम योगी ने खुद खाका तैयार कर अफसरों को टास्क दे दिया है। योगी सरकार के निर्देश पर शासन-प्रशासन स्तर पर फिलहाल प्रतिदिन 30 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इसमें और इजाफा भी किया जाएगा। विगत दिनों रामनगरी आए योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण व समीक्षा बैठकों में साफ-सफाई, आतिथ्य स्वागत व अच्छा व्यवहार हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा था।

 

दिल्ली से अयोध्या के लिए SpiceJet की स्पेशल फ्लाइट

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए जा रहे लोगों के लिए स्पाइस जेट ने स्पेशल फ्लाइट का एलान किया है। स्पाइस जेट कंपनी ने कहा है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए 21 जनवरी से जाने वाले लोगों के लिए राजधानी दिल्ली से अयोध्या के लिए स्पेशल फ्लाइट चलेंगी। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। बीती 30 दिसंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महर्षि वाल्मीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अयोध्या में उद्घाटन किया था। 

 

प्राण प्रतिष्ठा के दिन यूपी में बंद रहेंगे सभी सरकारी दफ्तर

राम मंदिर के प्राण मंदिर समारोह के दिन प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को आगामी पर्व त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा के दौरान इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं के साथ सरकारी दफ्तरों को भी बंद रखा जाए।

 

वीवीआईपी मूवमेंट के लिए बनाए गए ग्रीन कॉरिडोर

वीवीआईपी मूवमेंट के दृष्टिगत अयोध्या जाने वाले हर प्रमुख मार्ग को ग्रीन कॉरीडोर बनाया जाए। योगी ने कहा कि समारोह में देश-विदेश से धर्म, राजनीति, उद्योग, विज्ञान, सिनेमा, साहित्य, कला सहित अनेक क्षेत्रों के लब्धप्रतिष्ठ जन, संत समाज साक्षी बनेगा। तत्पश्चात मकर संक्रांति से गोरखपुर में खिचड़ी मेला, प्रयागराज में माघ मेला प्रारंभ हो रहा है। फर्रुखाबाद में भी प्राचीनकाल से कल्पवास की व्यवस्था है। वहीं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह है। यह समय अत्यंत संवेदनशील है।

 

अगर 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता?: ओवैसी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओवैसी ने बाबरी मस्जिद का नाम लिए बिना 6 दिसंबर की घटना का जिक्र किया है। ओवैसी ने सवालिया अंदाज में कहा है कि देखिए, अगर 6 दिसंबर नहीं होता तो क्या होता?

 

'हमने 33 साल तक इंतजार किया'

कोठारी ब्रदर्स की बहन पूर्णिमा कोठारी ने कहा, ''पिछले 33 साल में यह पहली खुशी है। हमने अपने भाइयों के बलिदान के बाद 33 साल तक इंतजार किया और हम बहुत खुश हैं। 33 साल पहले मेरे भाइयों के साथ जो हुआ मैं कुछ भी नहीं भूली हूं। आज हम भव्य राम मंदिर को अपनी आंखों के सामने देख पा रहे हैं। लेकिन एक समय, हमने सारी उम्मीदें खो दीं... मुझे लगा कि मैं इसे कभी नहीं देख पाऊंगी... मैं खुश और गौरवान्वित हूं... मेरे भाइयों के बलिदान को आज उचित सम्मान मिल रहा है...''

 

10 हजार सीसीटीवी कैमरे अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर रखेंगे नजर

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का इंतजार देश-विदेश में फैले करोड़ों रामभक्त कर रहे हैं। ऐसे में नगर की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, 'अयोध्या में जो कार्यक्रम है वो देश और पूरे विश्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। उसके लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। सीसीटीवी द्वारा भी निगरानी कराई जा रही है। कार्यक्रम के दिन और उसके बाद आने वाले सभी श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो, इसके लिए भी बेहतर व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या में 10,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

 

रामलला के मित्र की आई याद, बर्मिंघम में बेटी के घर उत्सव

जन्मभूमि पर 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर रामलला की मुक्ति के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष करने वाले इकलौते मित्र जस्टिस देवकीनंदन अग्रवाल की याद आयोजकों को आई है। जन्मभूमि की मुक्ति के लिए रामलला विराजमान के सखा के रूप में मुकदमा दाखिल करने वाले न्यायमूर्ति देवकी नंदन अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन बर्मिंघम में रहने वाली उनकी पुत्री डॉ. मीनू अग्रवाल अपनी पुत्री के साथ अयोध्या के समारोह में विशिष्ट मेहमान बनकर आएंगी।

 

'हम बहुत भाग्यशाली हैं, हम राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देख सकते हैं'

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम राम मंदिर का निर्माण पूरा होते देख सकते हैं... मुझे लगता है कि 22 जनवरी भारत में राम राज्य की पुनः स्थापना की तारीख है।"
 

 

राम मंदिर थीम वाली बनारसी साड़ियों की विदेशों में भी डिमांड

राम मंदिर थीम पर बनी बनारसी साड़ियों की डिमांड अब विदेशों में भी हो रही है। खास उचंत बुनकरी की कला से तैयार ये साड़ियां इटली और सिंगापुर भेजी जा रही हैं। अब जब अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तब इन साड़ियों की मांग और बढ़ने की उम्मीद है। लोहता कोरौता निवासी सर्वेश कुमार श्रीवास्तव खास उचंत बुनकरी कला से ये बनारसी साड़ियां तैयार कर रहे हैं। सर्वेश के मुताबिक मौजूदा समय में इन साड़ियों की मांग बढ़ गई है। इटली, सिंगापुर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, बंगलूरू और चेन्नई से खास ऑर्डर मिले हैं। हाल ही में उन्होंने राम मंदिर डिजाइन वाली साड़ी इटली भेजी है। इस बनारसी साड़ी के आंचल पर राम मंदिर और बॉर्डर पर सरयू की डिजाइन बनाई गई है।

 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं राजनीतिक

राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "प्राण प्रतिष्ठापन जब किया जाता है तब उसका एक विधि विधान होता है, क्या ये कार्यक्रम धार्मिक है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या विधा विधान से कार्यक्रम किया जा रहा है? अगर ये कार्यक्रम धार्मिक है तो क्या चारों पीठों के हमारे शंकराचार्य की सलाह और देख-रेख से इस कार्यक्रम का स्वरूप तय किया जा रहा? चारों शंकराचार्य कह चुके हैं कि एक अधुरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठापन नहीं की जा सकती है। अगर ये कार्यक्रम धार्मिक नहीं है तो ये कार्यक्रम राजनीतिक है..."

 

दिन के हिसाब से वस्त्र

भगवत का कहना है कि रामलला के वस्त्र दिन के अनुसार तैयार किए जाते हैं। सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला और रविवार के लिए गुलाबी रंग का वस्त्र तैयार किया जाता है।

 

10 हजार में तैयार हो जाता है वार्डरोब

भगवत ने बताया कि भगवान रामलला के लिए सात दिन के हिसाब से कपड़े तैयार किए जाते हैं। इसको तैयार करने में लगभग 10 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें तीन पर्दे, एक बड़ा बिछौना, छह छोटे बिछौने, छह दुपट्टा और रजाई शामिल हैं।

 

रामलला की पोशाक के लिए नाप का इंतजार

वशिष्ठ कुंड के पास रामलला के दर्जी भगवत प्रसाद पहाड़ी की मशीनों की खटर-पटर तो जारी है, लेकिन रामलला के पोशाक को तैयार करने का काम फिलहाल बंद है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामलला की मूर्ति की नाप नहीं मिलने के कारण प्रमुख विग्रह के कपड़े वह नहीं तैयार कर पा रहे हैं।

भगवत का कहना है कि जब ट्रस्ट की ओर से हरी झंडी नहीं मिलेगी तो वह आगे काम कैसे बढ़ाएंगे? नाप मिल जाएगा तो अधिकतम दो दिन में सारे कपड़े तैयार हो जाएंगे। भगवत ने बताया कि उन्होंने रामलला की तीन पोशाक फिलहाल तैयार करके रखी हैं। इसमें एक सफेद, दूसरी पीली और तीसरी लाल रंग की है। भगवत के पास प्रदेश ही नहीं देशभर से भक्त फोन करके कपड़ों को तैयार कराने का ऑर्डर दे रहे हैं। जयपुर, मध्य प्रदेश, मकराना, गुजरात और हरिद्वार से ऑर्डर देने वालों की संख्या सबसे अधिक है। अब तक वह 25 हजार से ज्यादा सेट तैयार कर चुके हैं।

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