बीबीसी डॉक्यूमेंट्री: जेएनयू, जामिया के बाद अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में बवाल, काटी गई बिजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में हंगामा देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी, अंबेडकर यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग को लेकर खासा विवाद हो गया. दिल्ली पुलिस ने डीयू से 24 छात्रों को हिरासत में लिया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया है. इसी तरह, कोलकाता में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई. अब केरल और हैदराबाद में भी स्क्रीनिंग की तैयारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री सीरीज की स्क्रीनिंग को लेकर देशभर में पिछले दो दिन से विवाद और हंगामा खत्म नहीं हो रहा है. पहले दिल्ली में JNU, फिर जामिया और अब DU और AU में शुक्रवार को दिनभर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. इन दोनों यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों ने स्क्रीनिंग का ऐलान किया था. दिल्ली पुलिस ने DU में आर्ट फैकल्टी से 24 छात्रों को हिरासत में लिया है. आरोप है कि ये छात्र डॉक्यूमेंट्री दिखाने की योजना बना रहे थे. वहीं, कोलकाता में आज स्क्रीनिंग की गई. केरल, हैदराबाद में शनिवार को स्क्रीनिंग की तैयारी है. जानिए देशभर का हाल...
बता दें कि बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में एक नई डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है. ये सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित है तब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. गोधरा में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक ट्रेन में आग लगने के बाद कथित तौर पर हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा के कारण एक हजार से अधिक मौतें हुईं थी.
डीयू में 24 लोगों को हिरासत में लिया
शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी में हंगामा हुआ. दिल्ली पुलिस उपायुक्त (नॉर्थ) सागर सिंह कलसी ने बताया कि DU में शाम करीब 4 बजे कुछ लोग आर्ट फैकल्टी के गेट के बाहर बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री दिखाने आए थे. चूंकि इससे इलाके में शांति भंग हो सकती थी इसलिए उनसे कहा गया कि वे यहां से चले जाएं. जब वे नहीं माने तो उन्हें शांतिपूर्वक हिरासत में लिया गया. कुल 24 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
DU में नॉर्थ कैंपस में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध
इससे पहले दिन में विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने प्रस्तावित स्क्रीनिंग के बारे में दिल्ली पुलिस को सूचना दी थी. दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने बताया कि वे स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देंगी. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के संगठनों ने प्रशासन से अनुमति नहीं ली थी. छात्र संगठनों की अपील के बाद नॉर्थ कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात किया गया. पुलिस ने नॉर्थ कैंपस में बड़ी सभाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
कैंपस में 28 फरवरी तक धारा 144 लागू
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि डीयू कैंपस में दिसंबर में धारा 144 लगा दी गई थी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए 28 फरवरी तक धारा 144 लगाई गई थी.
स्क्रीनिंग रोकने के लिए कैंपस में घुसी दिल्ली
कांग्रेस से संबद्ध राष्ट्रीय छात्र संघ ने नॉर्थ कैंपस में शाम 4 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी, जबकि भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने कहा था कि वो शाम 5 बजे यूनिवर्सिटी के आर्ट फैकल्टी के बाहर स्क्रीनिंग आयोजित करेगा. कई छात्रों ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोकने के लिए अंबेडकर यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस गई. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने कहा कि हमने स्टूडेंट्स के लिए फोन और लैपटॉप पर इसे देखने के लिए अल्टरनेटिव अरेंजमेंट किया था. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने साफ किया है कि वे क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपस में पहुंचकर जायजा ले रहे हैं.
स्टूडेंट्स से शेयर किया गया QR कोड
लेफ्ट से संबद्ध SFI ने आरोप लगाया कि स्क्रीनिंग आयोजित नहीं की जा सकी, क्योंकि यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने बिजली की आपूर्ति काट दी, लेकिन डॉक्यूमेंट्री के लिंक के साथ एक क्यूआर कोड छात्रों के साथ शेयर किया गया ताकि वे इसे अपने पर्सनल डिवाइस पर देख सकें.
आइसा ने कहा- विरोध प्रदर्शन किया जाएगा
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने घोषणा की कि वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई घटनाओं की निंदा करता है और इस सप्ताह की शुरुआत में विरोध प्रदर्शन करेगा. AISA दिल्ली ने ट्वीट किया- अंबेडकर यूनिवर्सिटी के अंदर पुलिस क्यों बुलाई गई है? AUD के छात्र जेएनयू और जामिया के छात्रों पर एबीवीपी की हिंसा और पुलिस दमन के खिलाफ एकजुटता व्यक्त करना चाहते हैं. कैंपस के अंदर पुलिस की उपस्थिति क्यों होनी चाहिए. वहीं, डीसीपी (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा- अंबेडकर विश्वविद्यालय में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. पुलिस मौके पर है.
चेकिंग के बाद हुई कैंपस में स्टूडेंट्स की एंट्री
SFI दिल्ली की संयुक्त सचिव यशिता सिंघी ने कहा कि स्क्रीनिंग रोकने के लिए अंबेडकर विश्वविद्यालय ने बिजली आपूर्ति बंद कर दी. यहां तक कि बगल के इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (IGDTUW) की आपूर्ति भी काट दी गई, लेकिन हमने उन छात्रों के साथ क्यूआर कोड शेयर किया जो इसे अपने लैपटॉप या फोन पर देख रहे हैं. सिंघी ने दावा किया- इस तरह स्क्रीनिंग की प्रक्रिया को देखकर प्रॉक्टर खुश नहीं थे और इसलिए उन्होंने गार्ड से पुलिस को बुलाने के लिए कहा. कई छात्रों ने दावा किया कि पुलिस सुरक्षा गार्डों को छात्रों की 'चेकिंग' करने के लिए कह रही थी. कैंपस के अंदर पुलिस की मौजूदगी पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
इससे पहले दिन में विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें स्क्रीनिंग के बारे में मीडिया में आई खबरों से पता चला. कार्यक्रम के लिए उनसे कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी.
जानिए किस छात्र संगठन ने क्या कहा...
- कांग्रेस से जुड़े नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने डीयू में शाम 4 बजे नॉर्थ कैंपस में डॉक्यूमेंट्री दिखाने की घोषणा की थी.
- भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन ने कहा था कि वो शाम 5 बजे कला संकाय के बाहर स्क्रीनिंग आयोजित करेगा.
- अंबेडकर विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने दोपहर 1 बजे डॉक्यूमेंट्री दिखाने का आह्वान किया था.
- दिल्ली विश्वविद्यालय में NSUI के छात्रों का कहना था कि हम दिल्ली पुलिस से अनुरोध करना चाहते हैं कि हमें स्क्रीनिंग की अनुमति दें, हम इसे चुपचाप करेंगे. कोई दंगा नहीं भड़केगा, हम किसी भी हाल में डॉक्यूमेंट्री दिखाएंगे. हम वापस नहीं जा रहे हैं. हम अपने दोस्तों के लैपटॉप लाने का इंतजार कर रहे हैं. हम स्क्रीनिंग करेंगे.
- SFI का कहना था कि अंबेडकर विश्वविद्यालय के अंदर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग लगभग 30 मिनट तक चली, जिसके बाद बिजली कटौती हुई.
-SFJ राज्य की संयुक्त सचिव यशिता सिंघी का दावा है कि अंबेडकर विश्वविद्यालय में स्क्रीनिंग के दौरान एबीवीपी स्पीकर पर भजन बजा रही थी.
कैंपस में ड्रोन के जरिए निगरानी की तैयारी थी
दिल्ली पुलिस का कहना था कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए कैंपस में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पुलिस कर्मियों, अर्धसैनिक बलों और गश्ती कर्मचारियों की तैनाती से कानून व्यवस्था बनी रहे. वीडियोग्राफी भी की जाएगी और हम पूरे घटनाक्रम की ड्रोन के जरिए वीडियोग्राफी भी करेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस में सड़कों पर कोई स्क्रीनिंग नहीं करने के लिए छात्रों से बातचीत कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कानून और व्यवस्था बनी रहे और इसके अनुसार पर्याप्त उपाय किए गए हैं.
जेएनयू और जामिया में भी हुआ था विवाद
बता दें कि सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नाम की डॉक्यूमेंट्री के लिंक को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. विदेश मंत्रालय ने इसे 'प्रोपगेंडा का हिस्सा' बताया था. इससे पहले बुधवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में हंगामा हो गया था. वहां SFI ने डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग करने का प्लान किया था. लेकिन, विश्वविद्यालय और पुलिस ने प्लानिंग पर पानी फेर दिया था. वहीं, मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा और विरोध देखने को मिला था.
दिल्ली पुलिस बोली- यूनिवर्सिटी ने लिखित में दी थी सूचना
DU के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा कि कैंपस में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बुलाई गई थी, क्योंकि 'बाहरी लोगों' ने आर्ट फैकल्टी में डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की कोशिश की थी. पता चला तो प्रॉक्टर ने पुलिस को सूचित किया. स्टूडेंट्स के नाम पर कई बाहरी लोग भी थे. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा- यूनिवर्सिटी से हमें बताया गया कि कैंपस में हंगामे की संभावना है. उन्होंने हमें लिखा और स्थिति को संभालने का आग्रह किया, इसलिए हमने परिसर में प्रवेश किया और स्थिति को नियंत्रण में किया.
कोलकाता: प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग
कोलकाता में प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई है. यहां पहले बिजली काट दी गई थी. बाद में सप्लाई चालू की गई. अचानक बिजली कटौती की वजह से स्क्रीनिंग बंद हो गई थी. जिसके बाद छात्र विश्वविद्यालय के डीन के कार्यालय के बाहर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे. यहां करीब 50 छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री देखी. वहीं, कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र संघ आइसा ने स्क्रीनिंग रखी. डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए करीब 100 छात्र और कुछ शिक्षक एकत्रित हुए.
टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया. और लिखा- आश्चर्यजनक है कि कैसे दिल्ली पुलिस स्क्रीनिंग को रोकने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है लेकिन नशे में ड्राइवरों द्वारा महिला को 13 किलोमीटर तक घसीटने पर कहीं नहीं मिली.
पंजाब यूनिवर्सिटी में हाफ टाइम में रोकी गई थी स्क्रीनिंग
पंजाब यूनिवर्सिटी में NSUI ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू हुआ थी लेकिन हाफ टाइम के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे रोक दिया. नेशनल यूनियन स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया (NSUI) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया था.
मुंबई: TISS में स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं
वहीं, मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्रों को एडवाइजरी जारी की है. छात्रों को स्क्रीनिंग नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई है. पत्र में कहा गया है कि कैंपस में किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए. शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें. नियमों का उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
केरल और हैदराबाद में भी स्क्रीनिंग की तैयारी
डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध के विरोध में हैदराबाद और केरल के छात्र स्क्रीनिंग का प्लान बना रहे हैं. TISS के छात्र बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम के एक छात्र ग्रुप ने शनिवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की योजना बनाई है. छात्रों ने कहा कि यह एक विरोध है. TISS के अधिकारी ने कहा कि स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है. प्रगतिशील छात्र मंच ने कहा कि जेएनयू के छात्रों की एकजुटता और केंद्र सरकार की सत्तावादी और सांप्रदायिक सेंसरशिप के खिलाफ पीएसएफ सभी टीआईएसएस छात्रों को 28 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए आमंत्रित करता है.