बीजेपी नेता दिलीप घोष की बढ़ीं मुश्किलें, ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी मामले में FIR दर्ज
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में भाजपा सांसद दिलीप घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह घटनाक्रम घोष द्वारा बुधवार को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने के कुछ घंटों बाद सामने आया. इधर चुनाव आयोग ने दिलीप घोष को उनकी टिप्पणियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और 29 मार्च तक जवाब देने को कहा है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है.
दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर टिप्पणी करते हुए कहा था, 'जब दीदी गोवा जाती हैं, तो वह गोवा की बेटी बन जाती हैं, त्रिपुरा में, वह कहती हैं कि मैं त्रिपुरा की बेटी हूं, तय करें कि आपका पिता कौन है. ये ठीक बात नहीं है'. दिलीप घोष की टिप्पणी 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी नारे 'बांग्ला निजेर मेयेकेई चाये' (बंगाल को अपनी बेटी चाहिए) के संदर्भ में थी. तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष की टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता की टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना.
चुनाव आयोग ने दिलीप घोष को जारी किया नोटिस
चुनाव आयोग ने मेदिनापुर के लोकसभा सांसद दिलीप घोष को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि जब भी अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की जाएगी, तो यह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रहेगी. किसी उम्मीदवार, नेता या पार्टी प्रमुख के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आएगा. भाजपा ने भी ममता बनर्जी के खिलाफ दिलीप घोष की टिप्पणियों को गैर-जरूरी और आपत्तिजनक बताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया और जवाब मांगा.
बीजेपी ने भी घोष के बयान को बताया आपत्तिजनक
अपनी टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के तुरंत बाद, दिलीप घोष ने खेद व्यक्त करते हुए स्वीकार किया कि उनकी पार्टी और आम जनता दोनों को उनके शब्दों के चयन पर आपत्ति है. उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा है तो मुझे इसके लिए खेद है.' राज्य भाजपा के पूर्व अध्यक्ष घोष ने स्पष्ट किया कि उनके मन में मुख्यमंत्री के प्रति कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है कि मेरी टिप्पणियों पर विवाद खड़ा हुआ है. क्योंकि मैं गलत करने वाले किसी भी व्यक्ति के मुंह पर अपनी बात कहता हूं'. उन्होंने बनर्जी की राजनीतिक बयानबाजी की प्रतिक्रिया के रूप में अपने बयानों का बचाव किया.