पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बीजेपी, शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन पर नहीं बनी बात

पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बीजेपी, शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन पर नहीं बनी बात
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आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब में सीट बंटवारे पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने पार्टी का रुख साफ कर दिया है. उनका कहना है कि बीजेपी सभी 13 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हम पंजाब के लोगों के साथ सीधे संपर्क में रहना चाहते हैं. हमें यकीन है, पीएम मोदी पंजाब में भी जीतेंगे.

 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी और शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि यह फैसला राज्य में लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर लिया गया है. पंजाब की 13 सीटों पर 1 जून को मतदान होगा.

SAD ने राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के हिस्से के रूप में बीजेपी के साथ गठबंधन किया. दोनों ने राज्य में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक साथ चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल करने में असमर्थ रहे. कांग्रेस ने 2019 में पूरे उत्तर और मध्य भारत में देखे गए मोदी समर्थक रुझान को तोड़ते हुए राज्य में आठ संसदीय सीटें हासिल कीं. बाकि पांच बीजेपी, SAD और आम आदमी पार्टी ने जीतीं थीं.

किसान आंदोलन रहा वजह?

SAD ने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों को लेकर सितंबर 2020 में BJP के साथ अपना नाता तोड़ लिया था, जिसका देश भर में व्यापक विरोध हुआ था. पंजाब किसान यूनियनों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी के लिए पिछले महीने एक नया आंदोलन शुरू किया. उनके ‘दिल्ली चलो’ मार्च को हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया है लेकिन विरोध अभी भी जारी है और किसानों के मुद्दे पर एनडीए छोड़ने वाले अकालियों के बीजेपी से हाथ मिलाने की संभावना नहीं है.

संसदीय चुनावों से पहले अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए शिअद की कोर कमेटी की 22 मार्च को बैठक हुई. SAD के दलजीत सिंह चीमा ने कहा था, ‘राज्य की राजनीतिक स्थिति जहां राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली हर चीज पर भी कोर कमेटी में गहन चर्चा की जाएगी.’

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