होली से बदलेगी बाबा महाकाल की दिनचर्या, सुबह चार बजे भस्मारती, रात 11 बजे तक चलेगी शयन आरती
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी के अनुसार, प्रतिवर्ष दो बार बाबा महाकाल की आरतियों के समय में बदलाव किया जाता है। यह परिवर्तन परंपरा अनुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा आठ मार्च से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरतियों के समय में आधे घंटे का बदलाव होता है और दिनचर्या बदल जाती है। संध्याकालीन पूजा शाम पांच बजे से ही होगी।
उज्जैन में होली के दिन से भगवान महाकालेश्वर की दिनचर्या बदल रही है। महाकाल मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में आठ मार्च 2023 से परिवर्तन हो जाएगा। इस दौरान महाकाल को ठंडे पानी से स्नान करवाने का सिलसिला शुरू होगा।
मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, प्रतिवर्ष दो बार बाबा महाकाल की आरतियों के समय में बदलाव किया जाता है। यह परिवर्तन परंपरा अनुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा आठ मार्च से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरतियों के समय में आधे घंटे का बदलाव होता है और दिनचर्या बदल जाती है। संध्याकालीन पूजा शाम पांच बजे से ही होगी। अश्विन मास की पूर्णिमा तक आरतियों का यह क्रम चलेगा।
उन्होंने बताया कि बाबा महाकाल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी से गर्म जल से स्नान करना शुरू करते हैं। होली तक यही चलता है। इसके बाद होली से चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक रोज भगवान महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। होली के दिन से प्रथम भस्म आरती प्रात: चार से छह बजे तक, द्वितीय आरती प्रात: सात से 7:45 बजे तक, तृतीय भोग आरती प्रात: 10 से 10: 45 बजे तक, चतुर्थ संध्याकालीन पूजन शाम पांच से 5:45 बजे तक, पंचम संध्या आरती शाम सात से 7:45 बजे तक और शयन आरती रात्रि 10:30 से 11 बजे तक होगी।