3 घंटे का सफर आधे समय में पूरा कराएगा बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे, PM करेंगे उद्घाटन, हर कोई नहीं कर पाएगा इस्तेमाल
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से राज्य की हैरिटेज सिटी मैसूर के बीच 118 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे नेशनल हाईवे 275 (NH275) पर स्थित है. नेशनल हाईवे पर 118 किलोमीटर के सफर को कंट्रोल्ड एक्सेस वाला बनाकर उसे एक्सप्रेसवे में तब्दील कर दिया गया है. इससे बेंगलुरु और मैसूर के बीच सफर में लगने वाला समय 3 घंटे से घटकर 75-90 मिनट रह जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट है जो कर्नाटक की प्रगति में योगदान देगी.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इससे श्रीरंगापटना, कुर्ग, ऊटी और केरल जाने में लोगों को आसानी होगी और यह पर्यटन क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करेगा. बता दें कि ये हाईवे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाईब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत बनाया है. मनीकंट्रोल के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 8478 करोड़ रुपये है. यह प्रोजेक्ट 2 हिस्सों में तैयार हुआ है. पहला हिस्सा बेंगलुरु से निदाघाटा तक (58 किलोमीटर) और दूसरा हिस्सा निदाघाटा से मैसूर (61 किलोमीटर) तक है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में ही हुई थी लेकिन कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण इस पर काम रोक दिया गया था.
क्या है खासियतें
एक्सप्रेसवे पर 9 बड़े पुल, 42 छोटे पुल, 64 अंडरपास, 11 ओवरपास और 4 रेलवे ब्रिज हैं. बेंगलुरु के जो लोग वीकेंड पर घूमने के लिए ऊटी, वायनाड व कुर्ग की ओर जाना चाहते हैं तो ये एक्सप्रेसवे उनके लिए ट्रैवल टाइम को काफी घटा देगा. इस पर 2 टोल प्लाजा और एक सर्विस रोड भी मिलेगी. आपको बता दें कि ये बेंगलरु-मैसूर एक्सप्रेसव, एक बड़े बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है जिस पर अभी काम चल रहा है.
वाहनों पर प्रतिबंध
अन्य कई एक्सप्रेसवे की तरह इस पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा. एनएचआई ने अपने एक पुराने आदेश में कहा है कि ऐसा छोटे वाहन चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है. प्राधिकरण कहता है कि इन वाहनों की अधिकतम स्पीड बड़े वाहनों से काफी कम होती है ऐसे में ये एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना का कारण बन सकते हैं.
कितना लगेगा टोल?
एक्सप्रेसवे के पहले सेक्शन (बेंगलुरु-निदाघाटा) पर टोल 135 रुपये से 880 रुपये तक हो सकता है. यह आपके वाहन की श्रेणी पर निर्भर करता है. वहीं, मैसूर के सांसद प्रताप सिन्हा ने कहा है कि एलएमवी (कार/जीप आदि) को बेंगलुरु से मैसूर तक के लिए 250 रुपये का टोल देना पड़ सकता है.