जल्दी ही होगा दिवालिया कानून में बदलाव
सरकार ने बुधवार को दिवालिया ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) में कई बदलावों का प्रस्ताव दिया है। इन बदलावों से प्रक्रिया पर तेजी से नजर रखने और पहले से तैयार ढांचे का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। बदलाव के तहत आईबीसी के कामकाज को मजबूत करने के लिए कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में आवेदनों के प्रवेश, प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और सेवा प्रदाताओं की भूमिका के तहत कोड में बदलाव पर विचार हो रहा है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा कि फास्ट ट्रैक कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया को फिर से बनाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि वित्तीय लेनदारों को न्यायिक प्रक्रिया के बाहर कॉरपोरेट देनदारी के लिए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी जा सके।
मंत्रालय ने कहा, एक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक मंच विकसित करने का भी सुझाव है, जो कम-से-कम कर्मचारियों के साथ कई प्रक्रियाओं को संभाल सके। यह मंच केस मैनेजमेंट सिस्टम, आवेदन फाइल करने के लिए स्वचालित प्रक्रिया, हितधारकों के साथ समाधान पेशेवर की बातचीत को सक्षम करने एवं कॉरपोरेट देनदारों के रिकॉर्ड के भंडारण का काम कर सकता है।
छोटे उद्योगों के अलावा कॉरपोरेट कर्जदारों की कुछ श्रेणियों के लिए प्री-पैकेज्ड दिवालिया समाधान फ्रेमवर्क का विस्तार किया जा सकता है।