बाबा रामदेव के मेले में भोर तक चली भजन संध्या

बाबा रामदेव के मेले में भोर तक चली भजन संध्या
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रायपुर ,/किशन खटीक/ ओम् गं गणपतए नमः .......वंदना के साथ राजकीय महाराणा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित बाबा रामदेव मेले के चौथे दिन रविवार को विशाल भजन संध्या में बाड़मेर से आए राजस्थानी भजन सम्राट मुख्य कलाकार छोटू सिंह रावणा ने भजन संध्या का शुभारंभ करते हुए एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर हर एक श्रोता को नाचने पर एवं ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। महाराणा प्रताप की आन बान और शान को आम जनता में भजन के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए "हु लड्यो घणो जद सोयो गणों मेवाड़ी मान बचावण ने"गाकर..... श्रोताओं को देश भक्ति में डुबो दिया। मत करो री संगत करो री निर्मल संत री मारी हेली.....। पर पूरा सदन मंत्रमुग्ध हो गया। जय मां करणी....। चली बारात भोलेनाथ की ....। लीलन हिना हिना आई....। मारा चारभुजा रा नाथ....। आदि भजनों की प्रस्तुतियां भोर तक चलती रही। भजन संध्या के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा सरस्वती मां की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया। मुख्य अतिथि भाजपा महिला प्रकोष्ठ जिला महामंत्री डॉ.मींरा कीराड़, अध्यक्षता भाजपा मंडल अध्यक्ष गोवर्धन गुर्जर ने की। विशिष्ट अतिथि पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष रघुवीर सिंह जोगरास,भाजपा मंडल संयोजक नाथू लाल शर्मा पंचायत समिति सदस्य बसंती लाल गुर्जर कुलदीप त्रिवेदी गोपाल सोमानी गौ भक्त लादू लाल तिथियां, पूर्व सरपंच रेखा तातेला, राष्ट्रीय बाल साहित्यकार डॉ सत्यनारायण सत्य, भारत विकास परिषद के सचिव रमेशचंद्र वैष्णव, समाजसेवी शिवनारायण सेन,दिनेश लक्षकार, जितेंद्र सिंह चुंडावत भींटा, रघुनंदन उपाध्याय आदि थे। समस्त अतिथियों का स्वागत ग्राम पंचायत सरपंच रामेश्वर लाल छपा, मेला समिति के अध्यक्ष गणपतसिंह राणावत, उपसरपंच देव किशन माली, विशाल वैष्णव, अनिल सालवी, मुकेश नाथ, गोविंद सोनी, मोहन माली, रुखसाना, जमना, रामकन्या वैष्णव,अन्नू खटीक सहित ग्राम पंचायत परिवार द्वारा तिलक,दुपट्टा, माला पहनाकर किया। बाड़मेर के भजन गायक छोटू सिंह रावणा का करणी सेना, महाराणा प्रताप सेवा संस्थान, बोराणा के युवाओं एवं कोशीथल के रावणा समाज के युवाओं ने महाराणा प्रताप की तस्वीर एवं तलवारें भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया। भजन संध्या के बीच बीच में महाराणा प्रताप की जय। भारत माता की जय। गढ़ मुक्तेश्वर महादेव की जय आदि की जय के जयकारे भोर तक लगाते रहे।

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