बिपरजॉय का बवंडर, 127 ट्रेन रद, स्कूल-कॉलज बंद, 74 हजार लोग शिफ्ट; आज गुजरात में देगा दस्तक ,कई जिलों में दिखने लगा असर; घरों में घुसा पानी
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अब तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र में बिपरजॉय का असर देखा जा रहा है। दोनों राज्यों में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि 15 जून को बिपरजॉय का खासा असर देखने को मिलेगा।चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 150 किमी की रफ्तार से आज शाम गुजरात के सौराष्ट्र एवं कच्छ के तटीय क्षेत्र से टकराएगा। चक्रवाती बिपरजॉय का असर महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, आज 15 जून को गुजरात और महाराष्ट्र में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। जिसके कारण, 16 जून तक महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में भारी वर्षा हो सकती है।
बिपरजॉय
गुजरात के जूनागढ़ जिले में चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव के कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। तटों के किनारे स्थिति घरों में समुद्र का पानी घुस गया है। स्थानीय लोगों और मछुआरों के अलर्ट जारी किया गया है।
गेटवे ऑफ इंडिया पर समुद्र में लगातार लहरें उठ रही है। आज चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात में दस्तक देने की आशंका है। मुंबई में सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर हाई टाइड का अनुमान है।
एहतियात के तौर पर पश्चिमी रेलवे ने 95 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इसके अलावा रेलवे ने 32 ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट और 26 ट्रेनों को शार्ट आरिजनेट किया है। मौसम के आधार पर यह ट्रेनें 16 जून से नियमित रूप से चलेंगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुजरात में लगभग 74 हजार लोगों को अस्थायी शिविरों में भेज दिया गया है।
मंदिर किया बंद।
गुजरात के द्वारका में बिपरजॉय का डर साफ देखा जा सकता है। चक्रवात की वजह से द्वारकाधीश मंदिर को आज श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया है। इसके अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात बिपरजॉय पर समीक्षा बैठक की।
तूफान से पहले कच्छ में आया भूकंप
गुजरात के कच्छ जिले में बुधवार शाम ऐसे समय 3.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया जब क्षेत्र में चक्रवात बिपरजॉय तट की ओर बढ़ रहा है। भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। गांधीनगर स्थित भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने कहा कि भूकंप कच्छ जिले के भचाऊ से पांच किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में शाम पांच बजकर पांच मिनट पर महसूस किया गया। कच्छ जिला अत्यंत उच्च जोखिम भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है और वहां कम तीव्रता के भूकंप नियमित रूप से आते रहते हैं। वर्ष 2001 का भूकंप पिछली दो शताब्दियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था।