सर्व ब्राह्मण महासभा के नेतृत्व में हुआ ब्राह्मण महासंगम
चित्तौडगढ। राजस्थान में धीरे-धीरे चुनावी बिगुल बज चुका है और ब्राह्मण समाज भी चुनाव में अपना हक और अपने अधिकार को लेकर काफी सक्रिय दिखाई दे रहा है। आज जयपुर के रामनिवास बाग में ब्राह्मण समाज ने एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाई है रामनिवास बाग में ब्राह्मण समाज के कई संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष व समाज के कई राजनेता मौजूद रहे जिन्होंने समाज के मुद्दों को जोर-जोर से उठाया स कार्यक्रम में मुख्य रूप से ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बढ़ाकर 14त्न करने की मांग रखी गई वहीं पुजारी प्रोटेक्शन बिल्कुल लेकर सभी ने अपनी-अपनी मांग रखी स कार्यक्रम में परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश राणेजा ने राजस्थानी अंदाज में भाषण देते हुए कहा की लोग कहते हैं की ब्राह्मणों में एकता नहीं है अरे साहब एकता क्यों नहीं है अभी पिछले कुछ महीनो पहले तो समाज के 8-10 लाख लोगो ने पहुंचकर अपनी ताकत दिखाई थी और आज फिर ये हजारों की संख्या में आए हुए समाज बंधु अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से जयपुर में है। उन्होंने कहा की ब्राह्मण समाज में मंदिर पुजारीयो पर आए दिन हमले होते हैं और मंदिर माफी की जमीन पर कब्जे कर लिए जाते हैं साथ ही ब्राह्मण समाज पर आए दिन लोग अभद्र टिप्पणियां करते हैं ऐसे में ब्राह्मण समाज को भी सुरक्षा का भाव चाहिए उन्होंने अपने मुद्दे ब्राह्मण एक्ट को आगे बढ़ते हुए कहा की पुजारियों की सुरक्षा के लिए एक एक्ट तैयार किया जाए और उसे ब्राह्मण एक्ट नाम दिया जाए।
महासंगम में शामिल हुए विदेशों के प्रतिनिधि
महासंगम के आयोजकसर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा कि पिछले लंबे समय से ब्राह्मण समाज अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहा है। प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा आबादी होने के बावजूद ब्राह्मणों को उनके हक का प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। मिश्रा ने दावा किया कि महासंगम में अमेरिका, यूएई, दुबई, इटली, कनाडा, नेपाल, सिंगापुर से भी लोग पहुंचे हैं। महासंगम में सालासर हनुमान मंदिर के पुजारी रवि शंकर,मेंहदीपुर बालाजी के महंत नरेशपुरी सहित कई संत शामिल हुए।
कार्यक्रम में मंत्री महेश जोशी, बीजेपी सासंद रामचरण बोहरा, कर्मचारी चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा, चोमू विधायक रामलाल शर्मा, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा, चितौडग़ढ़ जिलाध्यक्ष नितेश क़ुमार शर्मा व अलग-अलग सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।