कारोबारियों को आपराधिक मुकदमों में राहत, दो करोड़ से ऊपर टैक्स होने पर ही चलेगा मुकदमा
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई। अब दो करोड़ से ऊपर की कर राशि होने पर ही कारोबारियों के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकेगा। अभी यह सीमा एक करोड़ रुपये की थी। बिना मैन्यूफैक्चरिंग किए या सेवा दिए बगैर फर्जी बिल से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के मामले को आपराधिक मुकदमों से कोई छूट नहीं दी गई है।
कारोबारियों को जुर्माने की राशि में भी राहत दी गई है। अभी जुर्माना कर राशि के 50 प्रतिशत से लेकर 150 प्रतिशत तक लगाया जाता है। अब यह जुर्माना कर राशि के 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक होगा। काउंसिल के फैसले के मुताबिक, जीएसटी नेटवर्क पर गैर पंजीकृत कारोबारी भी अब ई-कामर्स पोर्टल पर सप्लाई दे सकेंगे। वे अपने राज्य में ही ई-कामर्स कंपनियों को सप्लाई दे पाएंगे। ई-कामर्स कंपनी को वस्तुओं की सप्लाई करने के लिए अभी जीएसटी नेटवर्क पर पंजीकृत होना जरूरी है। छोटे कारोबारियों की तरफ से इस प्रविधान को बदलने की मांग की जा रही थी।