श्रीरामकथा सुनने मात्र से जीवन का मंगल, उमड़े श्रद्धालु
भीलवाड़ा । कथा सुनने मात्र से जीवन का मंगल एवं कल्याण हो जाता है भले ही वह कथा कैसे भी सुने। लोग कहते आपने कथा बहुत अच्छी लिखी पर हम तो रामकथा सुनाते मात्र है लिख तो पहले ही गोस्वामी तुलसीदास महाराज गए है। संकट यहीं है हम पढ़ते तो है लेकिन समझते नहीं है। सरस रामकथा अतिशय सरल है जिसके श्रवण मात्र से प्राणी के कष्ट दूर हो जाते है। ये विचार अयोध्या के ख्यातनाम कथावाचक परम पूज्य प्रेमभूषणजी महाराज ने बुधवार को श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर भीलवाड़ा की ओर से श्री रामकथा सेवा समिति भीलवाड़ा के तत्वावधान में चित्रकूटधमा में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को कथावाचन करते हुए व्यक्त किए। व्यास पीठ की विधिवत पूजा के बाद उस पर विराजित होकर परम पूज्य प्रेमभूषणजी महाराज के मुखारबिंद से श्रीराम कथा वाचन शुरू हुआ तो पूरा पांडाल भक्ति के रस में डूब सा गया। कथा सुनने के लिए धर्मनगरी भीलवाड़ा के भक्तगण इस कदर उमड़ पड़े कि विशाल पांडाल भी छोटा पड़ता नजर आया। कथा में दूसरे दिन भगवान शिव के विवाह से जुड़े प्रसंग का वाचन हुआ।
‘हम रामजी के रामजी हमारे है सेवा ट्रस्ट’ के बैनरतले कथावाचन करने वाले प्रेममूर्ति श्रीप्रेमभूषणजी महाराज ने कथावाचन करते हुए कहा कि हनुमानजी के आशीष और बाबूगिरीजी महाराज के संकल्प से भीलवाड़ा में कथा सुनाने के लिए आए है। उन्होंने कहा कि धरती पर जितने प्राणी है सभी की अपनी-अपनी सहजावस्था है। मनुष्य में तीन स्थिति जब वह गुस्से में हो, अपने में न हो या व्याधिग्रस्त हो तब सहजावस्था प्रकट होती है। संशय जिसको होता है नुकसान उसी को होता है, जिसके प्रति संशय किया जा रहा होता है उसे तो कुछ पता ही नहीं होता है। संशय को जब तक अग्नि प्रवेश नहीं कराएंगे खत्म नहीं होता है। महाराजश्री ने रामकथा श्रवण का महत्व बताते हुए कहा कि इसको सुनिए एवं समझे। इस दिव्य त्रिवेणी में स्नान करने से चारों पुरूषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रामकथा बहुत सरल एवं सहज है लेकिन लोगों ने इसे कठिन बना दिया है। कथा से पता चलता है कि रामजी जीवन में बिलकुल सहज रहते है एवं कोई बनावट नहीं है। हरिकथा सुनने वालों का कल्याण करती है। श्रीराम कथा के नौ दिन आनंद का उत्सव है। उन्होंने जैसे ही ‘‘जिसको जीवन में मिला सत्संग है हर घड़ी आनंद ही आनंद है’’ भजन गाया पूरा पांडाल में भक्ति का माहौल छा गया और कई भक्त स्त्री-पुरूष अपने स्थान पर खड़े होकर नृत्य करने लगे। प्रेमभूषणजी महाराज ने कहा कि कथा कहना सरल है लेकिन सुनना कठिन है। कष्ट में कोई नहीं सब प्रसन्न है। अपना-अपना जीवन है जो भाग्य में लिखा वह मिल रहा है। उन्होंने बढ़ती महंगाई का जिक्र करते हुए कहा कि महंगाई तो बढ़ी लेकिन गाड़ियों की बिक्री कम नहीं हुई। हमारी प्रकृति हो गई आमदनी तो बढ़नी चाहिए लेकिन कर नहीं देना चाहते है।
सनातन धर्म को समझने में लग जाएंगे सात जन्म
प्रेममूर्ति प्रेमभूषणजी महाराज ने सनातन धर्म की परम्पराओं व मान्यताओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि ये धर्म इतना विशाल है कि इसे एक जन्म में तो समझ ही नहीं सकते। इसे समझने के लिए सात जन्म चाहिए। जिसको कुछ नहीं आता वह सनातन धर्म के कर्मकांड व परम्पराआंें का विरोध करता है। हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हमारा जन्म उस महान पावनसनातन धर्म में हुआ है जिसमें भगवान जन्म लेते है।
प्रेम भूषण जी महाराज ने कहा कि शरीर को स्वस्थ और चकाचक रखना चाहिए, देखने वाले को लगना चाहिए कि अच्छा व्यक्ति और साफ सुथरा व्यक्ति है।
भूत प्रेत भगाने वाले बाबाओं से सावधान रहना चाहिए इसे बाबा की कई काम करते हैं हालांकि उन्होंने कहा कि भूत प्रेत होते हैं परंतू ठग बाबा से बचना चाहिए। आज गली मोहल्लों में ऐसी दुकान खुल गई है।आज मनुष्य जो है उसे लेकर काफी दुखी रहते हैं, जो हैं उससे सन्तुष्ट नही है।
आप आई लव यू कहिये हम भी आई लव यू कहेंगे
प्रेमभूषण जी महाराज ने कथा के दौरान कहा कि आप हमें घर बुलाने का प्रयास नहीं करें हम किसी के घर नहीं आते ,हम प्रेम करते हैं आप आई लव यू कहेंगे तो हम भी आई लव यू कहेंगे कथा सुनने से लगाव रखिये कथा वाचक से नही।
बहु ही बेटी है
बेटी को घर सर विदा करने के बाद उसे पकड़ कर नही रखे उसे अपने घर मे अपने हिसाब से रहने दे तो वो सुखी रहेगी और आप भी, एक बेटी। गई तो दूसरी बहु आयेगी उसे भी बेटी ही माने। हम तो बहु को बहु भी बेटी ही मानते है ।
जजमानों ने की व्यास पीठ के समक्ष आरती
श्रीराम कथा सेवा समिति के प्रवक्त एवं मंच संचालक पंडित अशोक व्यास ने बताया कि मंच पर कथा आयोजक संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरीजी महाराज भी उपस्थित थे। प्रेमभूषणजी महाराज के व्यास पीठ पर विराजित होने के बाद आरती करने वाले जजमानों में देवस्थान विभाग के संभागीय आयुक्त गौरव सोनी, राधाकिशन सोमानी, रमेशचन्द्र खोईवाल, हंसराज चौधरी, नीलम शर्मा, दिनेश शर्मा, हरीश मानवानी, केसी प्रहलादका, पवन मेहरिया, गोविन्दप्रसाद सोडानी, रणजीतसिंह कारोही, राजेश बाहेती, संजय बाहेती, कैलाश सोनी, पवन पंवार, आशा रामावत, नवल भारद्धाज, कैलाश जीनगर, मनोज शर्मा, डॉ उमाशंकर पारीक आदि शामिल थे। शाम को दूसरे दिन की कथा समाप्ति पर भी आरती की गई। कथा में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के रूप में खटीक समाज से जगदीश खोईवाल, शांतिलाल चावला, जांगिड़ समाज से जयकिशन जांगिड़, स्वर्णकार समाज से समरथ सोनी, जसवंत सोनी, माली समाज से नानूराम माली, रोशन माली आदि भी मौजूद रहे। हम रामजी के रामजी हमारे है सेवा ट्रस्ट के तारकेश्वर मिश्र ने कथावाचक परम पूज्य प्रेमभूषणजी महाराज के व्यक्तिव के साथ पहले दिन हुए आयोजन के बारे में जानकारी दी। श्रीराम कथा का वाचन नगर परिषद के चित्रकूटधाम प्रांगण में 28 सितम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा।