जेल भेजने का डर दिखाकर साइबर जालसाजों ने कस्टम अधिकारी बनकर युवक से 10.50 लाख रुपये ठगे

जेल भेजने का डर दिखाकर साइबर जालसाजों ने कस्टम अधिकारी बनकर युवक से 10.50 लाख रुपये ठगे
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साइबर जालसाजों ने कस्टम अधिकारी बनकर शख्स से साढ़े दस लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने कनाडा में संदिग्ध पार्सल मिलने के नाम पर जेल जाने का डर दिखाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित सेक्टर-28 अरुण विहार निवासी पुनित नंनगिया की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

पुलिस को दी शिकायत में पुनित ने कहा है कि पिछले दिनों उनके पास अनजान नंबर से फोन आया था। कॉलर ने खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताते हुए कहा कि पुनित के नाम पर पार्सल कनाडा में मिला है। इसमें पासपोर्ट, सिम और एटीएम कार्ड समेत कई संदिग्ध दस्तावेज हैं। इसका इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में हुआ है। जालसाज ने फोन पर पीड़ित को जेल जाने का डर दिखाया।

कथित कस्टम विभाग के अधिकारी ने पुनित की बात मुंबई पुलिस के अधिकारियों से कराई। इस दौरान जेल जाने से बचने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। इसके बाद पीड़ित ने जालसाजों के कहने के मुताबिक रकम ट्रांसफर की। पीड़ित ने साढ़े दस लाख रुपये झांसे में आकर ट्रांसफर कर दिया तब पांच लाख रुपये और भेजने का दबाव बनाने लगे। पीड़ित के मना करने पर जालसाजों ने मोबाइल नंबर बंद कर दिया। जिसके बाद  पीडि़त को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद इस मामले में पुलिस से शिकायत की गई। 

रेलवे के सेवानिवृत अधिकारी से एक लाख रुपये ऐंठे
साइबर जालसाज ने सेक्टर-45 निवासी रेलवे के सेवानिवृत अधिकारी प्रदीप भटनागर से एक लाख रुपये ठग लिए। प्रदीप जगन्नाथ पुरी में ठहरने के लिए ऑनलाइन होटल सर्च कर रहे थे। पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन में जुटी है। पूर्व अधिकारी परिवार के साथ जगन्नाथ पुरी घूमने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए वह ऑनलाइन होटल तलाश रहे थे। इस दौरान एक वेबसाइट पर उन्हें एक अच्छा होटल दिखा और वहां से नंबर लेकर उन्होंने बात की। फोन उठाने वाले शख्स ने खुद को होटल का कर्मचारी बताया। आरोपी ने बताया कि वह उनको अन्य जगहों से कम कीमत पर कमरे उपलब्ध करा देगा। कमरे को बुक करने के लिए उनको ऑनलाइन पेमेंट देना होगा। इस दौरान आरोपी के झांसे में आकर पीड़ित ने उसके अलग-अलग खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। 
रकम लेने के बाद जालसाज ने अपना नंबर बंद कर लिया।

जेई के खाते से निकाले 3.60 लाख रुपये  
साइबर जालसाजों ने बिजली निगम के जूनियर इंजीनियर के खाते से 3.60 लाख रुपये निकाल लिए। जबकि इंजीनियर ने डेबिट कार्ड से न कोई खरीदारी की और न ही कोई ओटीपी शेयर किया। सेक्टर-18 बिजली ऑफिस में तैनात जूनियर इंजीनियर अभिषेक वर्मा की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में अभिषेक ने कहा है कि रकम कटने के कई मैसेज आने के बाद उन्होंने बैंक से संपर्क कर खाते को ब्लॉक करा दिया। कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले को साइबर सेल भेज दिया है। 

बैंक कर्मचारी बताकर 1.72 लाख हड़पे
साइबर जालसाजों ने खुद को बैंक कर्मचारी बताकर 1.72 लाख की ठगी कर ली। पीड़ित सेक्टर-35 निवासी वीएन रॉय की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकयत में वीएन राॅय ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने भतीजे के खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर किया था। यह रकम ट्रांसफर नहीं होने पर उन्होंने गूगल सर्च कर बैंक के कस्टमर केयर का नंबर प्राप्त किया। नंबर पर बात करने वाले आरोपी ने खुद को बैंक का कर्मचारी बताया। उसने पीड़ित से खाते से जुड़ी जानकारी हासिल कर कई बार में 1.72 लाख रुपये निकाल लिए। रकम कटने का मैसेज आया तब उन्हें ठगी का पता चला। इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। 

 

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