भीलवाड़ा सीट से सीपी जोशी फिर  मैदान में, भीलवाड़ा हलचल की खबर पर लगी मोहर

भीलवाड़ा सीट से सीपी जोशी फिर  मैदान में, भीलवाड़ा हलचल की खबर पर लगी मोहर
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भीलवाड़ा हलचल भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बदल गया इसी केसाथ भीलवाड़ा भीलवाड़ा हलचल की खबर पर मोहर लगी और इसी के साथ भीलवाड़ा सीट से सीपी जोशी को फिर से मैदान में उतर गया हैv

ग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की नौवीं सूची जारी कर दी है। सूची के मुताबिक, सीपी जोशी राजस्थान के भीलवाड़ा से, दामोदर गुर्जर राजस्थान के राजसमंद से चुनाव लड़ेंगे।

 




आपको बता दे की कांग्रेस द्वारा दामोदर गुर्जर को भीलवाड़ा का प्रत्याशी बनाएजाने के बाद भीलवाड़ा राजसमंद अजमेर के प्रत्याशी बदलने के समाचार प्रकाशित किए थे इसकेबाद 2 दिन पहले और आज भी यही बात भीलवाड़ा हलचल ने प्रकाशित की थी आज कांग्रेस की सूचीजारी होने के बात इस पर मोहर लगी है।

 





बता दें कि सीपी जोशी पहले भी भीलवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। वो यूपीए-2 के टर्म में 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। पहले वो इस बार चुनाव नहीं लड़ने के मूड में थे।लेकिन कांग्रेस की लिस्ट में एक भी ब्राह्मण चेहरे को टिकट नहीं देने के बाद विवाद शुरू हो गया है, जिसके बाद कांग्रेस रणनीतिकारों ने डैमेज कंट्रोल की जरूरत बताते हुए सीनियर नेता सीपी जोशी को चुनाव लड़ने के लिए मनाया। केंद्र और राज्य के सीनियर नेताओं के कहने के बाद सीपी जोशी तैयार हो गए हैं, अब उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया गया है।

 . सीपी जोशी ने राजसमंद जिले के नाथद्वारा सीट से वर्ष 1980 में पहला चुनाव लड़ा विजयी हुए. 1980 के बाद जोशी 1985 में दूसरी बार विधायक चुने गए, जबकि 1990 में सीपी जोशी को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, वर्ष 1998 में तीसरी बार विजयी हुए और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल में प्रदेश के शिक्षा व पंचायतराज मंत्री रहे.

वहीं, वर्ष 2003 में पुन: चौथी बार विधायक चुने गए, लेकिन वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा से कल्याण सिंह से मात्र एक बोट से हार गए थे. वहीं, वर्ष 2009 में उन्होंने भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा और मनमोहन सिंह की सरकार में पंचायतराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री बने, साथ ही उनको कार्यकाल के अंतिम वर्ष में रेल मंत्रालय का भी प्रभार मिला था. वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव उन्होंने जयपुर ग्रामीण सीट से लड़ा था. उस दौरान जोशी को हार का सामना करना पड़ा. जबकि वर्ष 2018 में वे नाथद्वारा से चुनाव लड़े और पांचवीं बार विधायक चुने गए और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष बने. इसके साथ ही वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

  एक वोट से हारे, : डॉक्टर सीपी जोशी वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा से भाजपा प्रत्याशी स्वर्गीय कल्याण सिंह चौहान से मात्र एक वोट से पराजित हुए थे. उसके बाद वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में जोशी को भीलवाड़ा से उम्मीदवार बनाया गया और वे विजयी हुए.

जोशी ने चंबल पेयजल योजना के कारण भीलवाड़ा में पाई थी प्रसिद्धी : वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में सीपी जोशी विजयी हुऐ थे, उस दौरान भीलवाड़ा जिले में पेयजल की काफी दिक्कत थी. उसी को देखते हुए यहां चंबल पेयजल योजना स्वीकृत करवाई, जिसके कारण आज गांव-गांव में चंबल का पानी आ रहा है. हालांकि, वर्ष 2014 तक चंबल का पानी भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में नहीं पहुंचने पर जोशी ने अपना वादा निभाया और उस समय कहा था कि जब तक चंबल का पानी भीलवाड़ा जिले में नहीं पहुंचता है तो मैं भीलवाड़ा से चुनाव नहीं लडूंगा. उस दौरान जोशी ने भीलवाड़ा लोकसभा सीट छोड़कर वर्ष 2014 में जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था. वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

  इसलिए बदली
दूसरी ओर पार्टी ने भीलवाड़ा के कांग्रेस उम्मीदवार दामोदर गुर्जर को राजसमंद से चुनावी मैदान में उतारा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की बैठक में यह बात सामने आई थी कि दामोदर गुर्जर की उम्मीदवारी छीनकर उन्हें दूसरी जगह से टिकट नहीं दिया तो गुर्जर वोटर्स नाराज हो सकते हैं। ऐसे में शिफ्टिंग फॉर्मूले के तहत दामोदर गुर्जर को भीलवाड़ा की जगह राजसमंद से लड़ाने पर सहमति बनी। दामोदर गुर्जर का भीलवाड़ा में विरोध देखने को मिल रहा था। दामोदर गुर्जर मूल रूप से गंगापुर सिटी के रहने वाले हैं। इसलिए भीलवाड़ा में उनके बाहरी होने का विरोध नजर आया। इसके अलावा 2013 में बसपा के टिकट पर दामोदर गुर्जर ने चुनाव लड़ा। जहां उन्हें केवल 1447 वोट हासिल हुए। इसको लेकर भीलवाड़ा कांग्रेस मुद्दा बनाकर उन्हें जमकर घेर रही थी। कांग्रेसी नेताओं में इस बात की चर्चा थी कि 1447 वोट जीतने वाला उम्मीदवार क्या भीलवाड़ा में जीत हासिल कर पाएगा?

 

 

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