बाल विवाह की रोकथाम हेतु अभियान, जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना

बाल विवाह की रोकथाम हेतु अभियान, जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना
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चित्तौड़गढ़ । राज्य सरकार एवं राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार जिले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत बाल विवाह रोकथाम हेतु जनजागरूकता कार्यक्रमों के तहत कस्तूरबा गांधी राजकीय आवासीय विद्यालय राशमी में बालिकाओ को अधिनियम की जानकारी प्रदान की गयी। इस दौरान अध्यापक कृष्णा सेन, छात्रावास अधीक्षक पंकज मिश्रा उपस्थित रहे।
 
सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई चन्द्र प्रकाश जीनगर ने बताया कि 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया(आखा तीज) के साथ ही  अन्य अबूझ सावों पर बाल विवाह होने की संभावना के तहत बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल के निर्देशन में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम (दूरभाष नम्बर 01472-295808) स्थापित किया गया। साथ ही जिला कलक्टर द्वारा सभी उपखंड मुख्यालयों पर कंट्रोल रूम स्थापित किये जाने के निर्देश प्रदान किये। जिला कलक्टर द्वारा ग्राम पंचायत स्तरीय विद्यालय के संस्था प्रधान (PEEO) को ग्राम पंचायत स्तरीय नोडल नियुक्त करके ग्राम पंचायत स्तरीय विभिन्न विभागों के कार्मिको को सावचेत रहकर पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से  बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
 
राज्य सरकार द्वारा  उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग ,सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग (जिला स्तरीय नोडल), सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग, समस्त उपखंड अधिकारी(उपखंड स्तरीय नोडल), तहसीलदार, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिनियम अन्तर्गत बाल विवाह कराने में सहयोगियों यथा-पंडित/मौलवी, हलवाई, बेंड बाजे वाले, टेंट वाले, बाराती आदि को 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1 लाख तक का अर्थ दंड का प्रावधान है। सहायक निदेशक  द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु जन सहभागिता एवं जन सहयोग की अपील की गयी। इससे सम्बंधित शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 एवं निकटतम पुलिस थाने पर भी की जा सकती है।
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