डायबिटीज में खा सकते हैं आलू? जानिए कितनी फायदेमंद है ये सब्जी

आलू हर घर में प्रयोग में लाई जाने वाली सबसे आम सब्जियों में से एक है। यह हर मौसम में उपलब्ध होता है और इसे अन्य कई सब्जियों के साथ मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है। भारत में आलू की अच्छी उपज रही है, सेहत के लिहाज से भी आलू को कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है। आलू कई विटामिन्स और खनिजों का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है।
एक मध्यम आकार के आलू (173 ग्राम) से शरीर के लिए आवश्यक कई प्रकार के पोषक तत्व आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे 161 कैलोरी, प्रोटीन ( 4.3 ग्राम), कार्ब्स (36.6 ग्राम), फाइबर (3.8 ग्राम) और विटामिन सी, विटामिन बी6, पोटैशियम और मैंगनीज जैसे शरीर के लिए अति आवश्यक पोषक तत्व आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं।
अध्ययनों में पाया गया है कि आलू में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में विशेष लाभकारी हो सकते हैं। क्या आलू वास्तव में स्वस्थ है? आलू चूंकि कार्बोहाइड्रेट का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है, ऐसे में अक्सर यह सवाल खड़ा होता रहता है कि क्या जिन लोगों को मधुमेह की समस्या है वह आलू खा सकते हैं? आइए इस बारे में शोध के आधार पर समझते हैं।
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डायबिटीज में खा सकते हैं आलू?
डायबिटीज में आलू खाना कितना सुरक्षित है, इसपर लगातार बहस होती रही है। अध्ययनों से पता चलता है कि आलू में एक विशेष प्रकार का स्टार्च होता है जिसे प्रतिरोधी स्टार्च के रूप में जाना जाता है। इस स्टार्च का ब्रेकडाउन नहीं होता है और शरीर द्वारा पूरी तरह से अवशोषित हो जाता है। अनुसंधानों में इस प्रतिरोधी स्टार्च को कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ वाला बताया है जिसमें इंसुलिन प्रतिरोध को कम करना भी शामिल है।
टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि प्रतिरोधी स्टार्च वाले भोजन का सेवन करने से भोजन के बाद रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। हालांकि अपने डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही डायबिटीज में आलू का सेवन करें।
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एंटीऑक्सीडेंट्स से होता है भरपूर
आलू फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉयड्स और फेनोलिक एसिड जैसे यौगिकों से भरपूर होते हैं। ये यौगिक मुक्त कणों के रूप में जाने जाने वाले हानिकारक अणुओं को निष्क्रिय करके शरीर में एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं। मुक्त कणों के कारण हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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पाचन को रखता है ठीक
आलू में मौजूद प्रतिरोधी स्टार्च, पाचन स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है। जब प्रतिरोधी स्टार्च बड़ी आंत में पहुंचता है, तो यह आंतों के गुड बैक्टीरिया के लिए भोजन बन जाता है। ये बैक्टीरिया इसे पचाते हैं और इसे शॉर्ट-चेन फैटी एसिड ब्यूटायरेट में बदल देते हैं।
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आलू से होने वाले नुकसान
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक वैसे तो आलू खाने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है, पर इसका अधिक सेवन पेट में सूजन, कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा आलू के अधिक सेवन के कारण कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण उच्च रक्तचाप या इंसुलिन प्रतिरोध जैसी समस्याओं का जोखिम भी हो सकता है। हमेशा संयमित मात्रा में ही आलू का सेवन किया जाना चाहिए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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