दिल्ली के अस्पताल में बिना चीरा लगाए हो रहा कैंसर का इलाज, हजारों मरीजों को हुआ फायदा ,नीम हकीम के न लगाए चक्कर

नई दिल्ली कैंसर पीड़ित लोगों को अभी दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में बिना चीर फाड़ के इलाज होने की जानकारी नहीं होने से वह नीम हकीमों के चक्कर लगाकर अपना समय और धन बर्बाद कर रहे हैं जबकि इस अस्पताल में हजारों लोगों को अब तक कैंसर रोग से काफी फायदा हुआ है।
सफदरजंग अस्पताल में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी से बिना चीरा लगाए केवल तार डालकर लीवर, किडनी, ब्रेन स्ट्रोक व अन्य में कैंसर का इजाल हो रहा है। दरअसल ब्रेन स्ट्रोक, लीवर-किडनी में कैंसर सहित अन्य बीमारी से परेशान मरीजों की सुविधा के लिए सफदरजंग अस्पताल में शुरू हुए इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी में अब तक दो हजार से ज्यादा मरीजों का सफल इजाल हो चुका है। इन्हीं मरीजों के सफल इलाज पर चर्चा करने के लिए सफदरजंग अस्पताल अगले माह कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा, जिसमें देशभर से आने वाले रेडियोलॉजिस्ट इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी पर चर्चा करेंगे। इस संबंध में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अनुज अग्रवाल ने बताया दिल्ली के बड़े अस्पतालों में से सफदरजंग अस्पताल में ही यह सुविधा हैं। इस पद्धति में बिना चीरा लगाए केवल तार डालकर लीवर का कैंसर, किडनी का कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक, हड्डियों का कुछ कैंसर सहित अन्य बीमारियों का इजाल किया जा रहा है। इस तकनीक की मदद से मरीज सर्जरी के दौरान होने वाले चीरफाड़ से बच जाता है और वह जल्दी ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ माह से अगर मरीज 24 घंटे में अस्पताल आ जाता है तो इस पद्धति से उसके दिमाग में हुए खून के थक्के को निकाल कर गंभीर होने वाले समस्या से बचाया जा सकता है। इसके अलावा पैरों की धमनियों में रुकावट को भी समय रहते दूर किया जा सकता है। जबकि इस समस्या के कारण कई बार पैर तक काटने की नौबत आ जाती हैं, लेकिन इस सुविधा के बाद मरीजों को काफी फायदा हुआ है।
शुरू हुई रेडियोलॉजी क्लीनिक
रेडियोलॉजी विभाग में रेडियोलॉजी क्लीनिक की शुरुआत हुई है। इसमें डॉक्टर जांच के साथ साथ इलाज भी कर रहे हैं। यह दिल्ली का पहला अस्पताल है जिसमें रेडियोलॉजी क्लीनिक की सुविधा मिल रही है। मरीज यहां प्रतिदिन आकर अपना उपचार करवा सकते हैं। डॉ. अनुज ने बताया कि अस्पताल में सोमवार को एंडोवैस्कुलर आईआर, मंगलवार को महिला इमेजिंग, बुधवार को गैस्ट्रो और गुरुवार को न्यूरो आईआर की ओपीडी होगी।
