रुपये में पेमेंट ले नहीं सकता, डॉलर में भुगतान हो नहीं सकता, रूस से सस्ता तेल लेने के लिए ये उपाय कर रहीं कंपनियां

रुपये में पेमेंट ले नहीं सकता, डॉलर में भुगतान हो नहीं सकता, रूस से सस्ता तेल लेने के लिए ये उपाय कर रहीं कंपनियां
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भारत को रियायती कीमतों पर तेल बेच रहे रूस ने अब रुपये में लेनदेन करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, रूसी यूराल (तेल) की कीमत हाल ही में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों के द्वारा तय की गई 60 डॉलर की सीमा को पार कर गई है. जिसके बाद रूस तेल के व्यापार में रुपये के लेनदेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. 

दूसरी तरफ, पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के कारण अमेरिकी डॉलर का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. जिसके बाद भारतीय तेल आयातक रूस से कच्चे तेल के लिए विभिन्न विकल्प की तलाश कर रहे हैं, जिसमें सिंगापुर और हांगकांग के माध्यम से रूसी तेल आयात भी शामिल है.

अंग्रेजी अखबार हिंदू बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से कच्चे तेल खरीदने के लिए भारतीय रिफाइनरी कंपनियां आयात के एक छोटे से हिस्से का भुगतान युआन और दिरहम में कर रही हैं. क्योंकि इन दोनों मुद्राओं के उपयोग पर अलग-अलग सीमाएं हैं. वहीं, मामले से अवगत एक अधिकारी ने कहा है कि आयातक सिंगापुर और हांगकांग के माध्यम से व्यापार करने का रास्ता तलाश रहे हैं. दोनों देशों में रूसी तेल के भुगतान के लिए स्थानीय मुद्राओं के साथ-साथ युआन का उपयोग किया जा सकता है. 

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