सावधान: आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है ये तेल, जानें खाना पकाने में किस तेल का करे इस्तेमाल

अगर आप ऑफिस में नौकरी करते हैं और अपने घर से दूर रहकर नौकरी कर रहे हैं, तो आपको निश्चित रूप से ही हर शाम ऑफिस के बाहर खड़े होकर पकौड़े वाले से पकौड़े खाना या फिर समोसा खाना पसंद होगा। लेकिन क्या आपने इन सभी चीजों में एक बात को गौर किया है कि जिस कढ़ाई में इन्हें बनाया जाता है उसमें उबलता तेल ही आपके पेट मे पहुंचता है।
हालांकि हम सभी जानते हैं कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, लेकिन फिर भी हम खुद को रोक नहीं पाते और समोसे पकौड़े व कचौड़ी खूब खाते हैं। हां लेकिन हम अगर एक बार को बाहर की ये चीजें खानी बंद कर देने हैं, लेकिन घर पर नहीं रोक पाते और हम घर पर भी ये गलती कई बार दोहराते हैं।
दरअसल भारतीय रसोई में रिफाइंड ऑयल का ही इस्तेमाल किया जाता है, आजकल हर रसोई में रिफाइंड ऑयल ही है, रसोई तो रसोई पकौड़े बनाने वालों के पास भी रिफाइंड ऑयल होता है। रिफाइंड ऑयल हमारे किचन का वह स्लो पॉइजन है, जो धीरे-धीरे हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, जी हां, हम उसी रिफाइंड की बात कर रहे हैं, उस रिफाइंड सोयाबीन तेल की जिसका इस्तेमाल आप सब्जी से लेकर परांठे तक में करते हैं। उससे कोलेस्ट्रॉल, हार्ट संबंधी समस्याओं, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसे नुकसान भी हो सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये रिफाइंड ऑयल आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। Cooking Oil
इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि ऐसे में सब्जियां बनाने के लिए किस तेल का इस्तेमाल किया जाए और कौन सा तेल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आइए जानतें हैं सब्जी में कौन से तेल का इस्तेमाल करें। लेकिन सबसे पहले हम आपको बताएंगे रिफाइंड ऑयल के नुकसान इन बीमारियों का कारण बन सकता है सोयाबीन तेल। वैज्ञानिकों के रिसर्च के मुताबिक सोयाबीन तेल में लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक है।
वैसे तो 1 से 2% लिनोलिक एसिड का सेवन हम कर सकते हैं, लेकिन सोयाबीन के तेल में इससे ज्यादा लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जिससे आपके माइक्रोबायोम पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि सोयाबीन का तेल खाने से मोटापा, डायबिटीज, अल्जाइमर, डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं और आप इन बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
खाना पकाने में कौन सा तेल है सही?
कसानदायक होता है, ऐसे में हमेशा हमें उस तेल का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम हो। जैसे ऑलिव ऑयल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा सरसों के तेल का सेवन भी आप कर सकते हैं। लेकिन आपको किसी भी प्रकार के रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल खाने में नहीं करना चाहिए।
वैसे सरसों के तेल के अलावा कुकिंग में ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल और एवोकाडो ऑयल जैसे कई तेलों का इस्तेमाल होता है। लेकिन इन सारे तेलों में अलग-अलग गुण मौजूद होते हैं। आइए जानते हैं इन सब तेलों के गुण….
ओलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल में खाना पकाना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, खासकर एक्स्ट्रा वर्जन ऑलिव ऑयल में खाना पकाना अच्छा है क्योंकि यह पूरी तरह से शुद्ध होता है। ओलिव ऑयल को प्रोसेस्ड और रिफाइंड नहीं किया जाता है जिसकी वजह से इसकी क्वालिटी बहुत अच्छी होती है। इसमें अच्छी मात्रा में मोनोसैचुरेटेड फैट और कुछ मात्रा में पॉलीअनसैचुरेटे फैटी एसिड पाया जाता है जो दिल के लिए अच्छा होता है। ऑलिव ऑयल से धीमी आंच पर कुकिंग की जाती है।
कोकोनट ऑयल
कोकोनट तेल में हाई सैचुरेटेड फैट पाया जाता है इसलिए इसके इस्तेमाल पर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग रहीे हैं। सैचुरेटेड फैट याददास्त के लिए अच्छा नहीं माना जाता लेकिन कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कम मात्रा में हेल्थी चीजों में इसका इस्तेमाल करके कोलेस्ट्रोल को कम किया जा सकता है।
एवोकैडो ऑयल
एवोकैडो ऑयल को बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। वर्जिन ऑलिव ऑयल की तरह इसे भी रिफाइंड नहीं किया जा सकता है। इस तेल में हाई हीट पर कुकिंग की जाती है। इस तेल में स्वाद बहुत ही कम होता है। एवोकैडो की तरह इसका तेल भी क्रीमी होता है। एवोकैडो ऑयल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट, पॉलीअनसैचुरेटे फैटी एसिड और विटामिन ई पाया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि अन्य तेलों की तुलना में इसकी कीमत अधिक होती है।
