अक़ीदत के साथ मनाया शब-ए-बराअत का पर्व

अक़ीदत के साथ मनाया शब-ए-बराअत का पर्व
X

हमीरगढ़ ( अल्लाउद्दीन मंसुरी) । शब-ए-बाराअत की रात लोग जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं,इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 15 वीं की रात को मनाया जाता हैl

रविवार को क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय द्वारा शब-ए-बाराअत का पर्व अक़ीदत के साथ से मनाया गया। इस दौरान लोगों ने अपने पैतृक कब्रिस्तानों पर जाकर पूर्वजों की याद में फातिहा पढ़ी। क्षेत्र निवासी अब्दुल मुबारिक रंगरेज़ ने कहा कि शब-ए-बाराअत पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम काम है। हाफिज शाहबाज़ आलम ने फरमाया की शब का अर्थ रात और बाराअत का अर्थ बरी होता है। लोग इस दिन अपने करीबियों रिश्तेदारों और दोस्तों की कब्र पर जाकर उनके लिए दुआ मांगते है और कुछ लोग दो दिवसीय रोजा भी रखते है। रविवार रात मस्जिद चौक पर मिलाद शरीफ का प्रोग्राम रखा गया जहाँ अन्य क्षेत्र से आये ओलामा, मुक़रीर नात खां द्वारा मिलाद कार्यक्रम किया गया l मिलाद कार्यक्रम रात 2 बजे तक चला इससे पूर्व फातिहाखानी कर तबरूक तक्सीम किया ग्या!इस पर्व पर सेकड़ो की संख्या में महिलाएं व पुरुष बच्चे मौजूद रहे!

Next Story