पक्षीग्राम चावंडिया में तालाब के बीच है चामुंडा माता का दरबार

सवाईपुर (सांवर वैष्णव ):- कस्बे के निकटवर्ती बनकाखेड़ा ग्राम पंचायत के पक्षी ग्राम से विख्यात चावंडिया गांव नेशनल हाईवे 758 से 2 किलोमीटर अंदर बसा हुआ है, जिसमें तालाब के मध्य चामुंडा माता का विशाल मंदिर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना लगभग 1200 ईसवी में मेवाड़ के महाराणा के सानिध्य में की गई । चामुंडा माता मंदिर में स्थापित चामुंडा माता की प्रतिमा तालाब के अंदर से ही निकाली। जिसकी स्थापना तालाब के अंदर ही की गई थी। औरंगजेब के काल में मुगल आक्रांताओ के आक्रमण से चामुंडा माता की मूर्ति खंडित कर दिया गया था, जिस कारण मूर्ति का एक हिस्सा आज भी खंडित है साथ ही आक्रमण से पास में ही एक जैन मंदिर था, जिसको भी ध्वस्त कर दिया था 7 जिसके अवशेष यहां आज भी मिलते हैं । सन 1996 में मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हुआ, जो 2008 में पूर्ण हुआ था 7 पहले इस चावंडिया गांव का नाम गुर्जर खेड़ा था, क्योंकि यहां आस-पास अलग-अलग देवनारायण के मंदिर बने हैं, जिस कारण इस गांव का नाम गुर्जर खेड़ा रखा गया था, बाद में गुर्जर खेड़ा यहां से उजड़ गया 7 चामुंडा माता के नाम पर चावंडिया गांव की स्थापना हुई 7मुख्य मूर्ति तालाब के मध्य में स्थित से तालाब में पानी भरने के कारण व आवागमन की सुविधा ना होने के कारण चामुंडा माता की पूजा अर्चना नहीं हो पाती थी जिस कारण प्रतिमूर्ति बाहर स्थापित की गई, ताकि नियमित रूप से पूजा अर्चना की जा सके 7 चामुंडा माता मंदिर से थोड़ी दूर पर ही राणा सांगा के प्राण जिस जगह पर निकले वह स्थान यहां उपस्थित है? 7 इनके शाक्य यहां उपस्थित शिलालेख से मिलते हैं 7 पुजारी भवानी राम प्रजापत का परिवार पिछली 6 पीढिय़ों से चामुंडा माता के यहां पूजा अर्चना कर रहा हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार चामुंडा माता के तालाब के पानी से सिंचाई, तालाब में गंदगी व शिकार करने पर पूरी तरह से रोक है 7 इसी कारण हर वर्ष यहां भारी संख्या में विदेशों से प्रवासी पक्षी आते हैं, बारिश के बाद तालाब में पानी की आवक होने से व तालाब के चारों और घनी हरियाली के कारण यहां का दृश्य देखने लायक बनता है और यहां पर प्रत्येक रविवार को कई लोग घूमने तथा यहां की हरियाली व माता के मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं 7सर्दी के मौसम में कई देशी विदेशी पक्षी कलरव व अठखेलियां करते हुए दिखाई देते हैं 7 प्रतिवर्ष यहां पर पक्षी मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें जिले के आला अधिकारी सहित अन्य जिलों व पड़ोसी राज्यों के पक्षी विशेषज्ञ व पक्षी प्रेमी यहां आते हैं 7 ऐसी मान्यता है कि इस तालाब के जल से अनेक बीमारियों का इलाज होता है व चामुंडा माता के दर्शन मात्र से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है ।