गुलाबी आँख की चपेट में बच्चे, भारत में लगातार बढ़ रहे Conjunctivitis Case, कैसे करें बचाव

पिछले दस दिनों में भारत में ज्यादातर लोगों को आंखों के संक्रमण में वृद्धि का अनुभव हो रहा है। खासकर शहर में ह्यूमिडिटी के हाई लेवल के कारण। यमुना नदी के खतरे के जलस्तर को पार करने के साथ, दिल्ली और गुजरात के कुछ हिस्सों में डेंगू और मलेरिया जैसी मानसून संबंधी बीमारियों के बाद अब कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में वृद्धि हुई है। कंजक्टिवाइटिस आंखों का एक संक्रमण है। जिसे आमतौर पर पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस जनित संक्रामक रोग है।कंजक्टिवाइटिस, आंखों से निकलने वाला आंसू से फैलता है। किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने और फिर अपनी आंखों को छूने से लोगों में संक्रमण होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दी व खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है। सामान्य रूप से कंजक्टिवाइटिस के ठीक होने एक से छह सप्ताह का वक्त लगता है। आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है।
Conjunctivitis Symptoms: क्या हैं कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण?
- लगातार आंखों में खुजली और दर्द महसूस होता है।
- आंखों से लगातार पानी आना और कभी-कभार विजन ब्लर होना।
- कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की आंखों का सफेद हिस्सा पूरी तरह से गुलाबी और लाल हो जाता है।
- आंखों में लगातार सूजन आना।
- आंखों की रोशनी पर प्रभाव या कुछ समय के लिए धुंधला दिखाई देना.
Conjunctivitis Precautions: कंजंक्टिवाइटिस से कैसे करें बचाव?
- अपनी मर्जी से कोई भी दवा न ले
- साफ-सफाई का ध्यान रखें
- पब्लिक स्विमिंग पूल में जानें से बचें
- बार-बार हाथ धोएं
- आंखों को बार-बार न छुएं
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें
- संक्रमिक व्यक्ति की किसी भी चीज का इस्तेमाल न करें
- किसी से भी अपना तौलिए, बिस्तर या रूमाल शेयर न करें
- कॉन्टैक्ट लेंस से बचें
