दिल्ली में बढ़ेगी ठिठुरन! कश्मीर-हिमाचल में भारी बर्फबारी, यहां होगी बारिश; मौसम विभाग की चेतावनी
नई दिल्ली: दिसंबर के पहले हफ्ते में भी लोगों को कंपकंपी वाली ठंड नहीं सताएगी। ऐसा इसलिए होगा कि दिसंबर के पहले हफ्ते में बादलों की आंखमिचौली जारी रहेगी। बादल छा जाने के बाद रात के समय धरती ठंडी नहीं हो पाती। बादलों की वजह से गर्मी ऊपर नहीं जा पाती और वह धरती की सतह के आसपास ट्रैप होकर रह जाती है। यही वजह है कि बादलों और बारिश के दौरान न्यूनतम तापमान में इजाफा होता है। धूप न होने की वजह से अधिकतम तापमान में जरूर गिरावट आती है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी हल्के बादल छाए रहेंगे। इसके बाद दो दिसंबर को आसमान साफ रहेगा। लेकिन तीन और चार दिसंबर को फिर से आंशिक बादल देखने को मिलेंगे। पांच दिसंबर को फिर से आसमान साफ रह सकता है।
कैसा रहेगा हफ्तेभर मौसम?
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। शुक्रवार को आंशिक बादल रहेंगे। सुबह के समय हल्का कोहरा रह सकता है। अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद दो से छह दिसंबर तक अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 से 12 डिग्री तक रह सकता है।
फिर बढ़ा प्रदूषण, दिल्ली में 8 जगह हवा हुई 'गंभीर'
दिल्ली-एनसीआर की हवा में सुधार नहीं हो रहा है। फिर से हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सुबह 10 बजे दिल्ली का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 रेकॉर्ड किया। वहीं 8 जगहों पर 400 के बार AQI पहुंच गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी की हवा है। मुंडका में 433, बवाना में 411, वजीरपुर में 431, विवेक विहार में 409, जहांगीरपुरी में 415, अशोक विहार में 406, नेहरू नगर में 405 और पंजाबी बाग में 434 AQI दर्ज हुआ। मौसम विभाग की माने तो कुछ जगहों पर बहुत हल्की बारिश हो सकती है। 1 दिसंबर को भी बौछार के आसार हैं। 2 दिसंबर के बाद से हल्का कोहरा छाने का अनुमान है। सुबह न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ, जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक रहा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुबह कहा कि अब हवा की गति काफी धीमी को गई है, जिसके चलते प्रदूषण के स्तर को बदलाव देखने को मिलेगा, जैसा देखा जा रहा है। इसके लिए कल बैठक की थी। सभी विभागों को निर्देश भेजा है कि कहीं लापरवाही नहीं हो। GRAP-3 की पाबंदियां हटा दी गई हैं, लेकिन सभी विभागों को GRAP-1 और GRAP-2 के निवारक उपायों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। क्योंकि हवा की गति धीमी हो जाती है, तो प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है।
क्यों नहीं आ पा रही नवंबर के प्रदूषण में कमी?
प्रदूषण में कमी के लिए दिल्ली और एनसीआर को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। लेकिन सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। दिल्ली-एनसीआर में भी आपस में तालमेल नहीं दिख पाता। पिछले तीन बरसों से ग्रैप को पूर्वानुमान के आधार पर लागू किया जा रहा है। लेकिन अभी तक मौसम एजेंसियां इसका सही आकलन नहीं कर पाती। इसकी वजह से जब ग्रैप लगाना होता है, तो उस दौरान वह लग ही नहीं पाता। गाड़ियों का प्रदूषण, पराली के प्रदूषण में कोई कमी नहीं आ रही है। ग्रैप को लेकर दिल्ली में नियम लागू हो जाते हैं, एनसीआर में नहीं हो पाते। नवंबर खत्म हो गया, लेकिन अब भी दिल्ली में घोषणा के अनुरूप पर्यावरण सेवा बस नहीं चल पाई। गाड़ियों को निकलने से कम करने के लिए अब पार्किंग फीस बढ़ा ही नहीं पाते। इन हालात में नवंबर में प्रदूषण की वजह से लोग दिल्ली छोड़कर चले जाना ही बेहतर समझते हैं।