चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर को सुनाई 170 साल की सजा, नौ लाख का अर्थदंड

चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर को सुनाई 170 साल की सजा, नौ लाख का अर्थदंड
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सीहोर के जिला न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाते हुए रुपए का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाले सांई प्रसाद चिट फंड कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर को 170 साल की सजा और 9 लाख 35 हजार के जुर्माने से दंडित किया गया है। न्यायालय ने धारा चिटफंड अधिनियम में 5- 5 साल की सजा और निवेशकों की काउंटिंग में सजा सुनाई है। इनमें 170 साल की सजा और 9 लाख 35 हजार का जुर्माना से दंडित किया गया है। 

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद अहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त बाला साहब भापकर एवं एजेंटों ने सांई प्रसाद कम्पनी में पैसा पांच साल में दुगना हो जाने का आश्वासन देते हुए निवेशकों से पैसा जमा कराया था और पॉलिसियां दी थीं। वर्ष 2012 से 2015 तक राशि जमा कराई गई। बाला साहब खुद को सांई प्रसाद प्रॉपर्टी कंपनी लिमिटेड का चेयरमैन/ डायरेक्टर / सीएमडी/ एजेंट बताकर सीहोर जिले के ग्राम आमला पानी थाना गोपालपुर के गांव में पहुंचा था। निवेशकों को दी गई पॉलिसियां जब मैच्योर हुईं तो लोग कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि कार्यालय पर ताले लगे थे। निवेशकों ने संपर्क किया तो आश्वासन दिया किया कि उनका पैसा मिल जाएगा। जब निवेशकों को उनका पैसा नहीं प्राप्त हुआ तो थाना गोपालपुर में फरियादी दयाराम के आवेदन पर से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। 

आरोपी सांई प्रसाद लिमिटेड कंपनी/बाला साहब भापकर के विरुद्ध भादंसं 1860 की धारा 420 के अंतर्गत अपराध क्रमांक 17/20 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के बाद आरोपी के विरुद्ध धारा 420/34, भादवि, धारा 6 मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के अंतर्गत अभियोग-पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

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