ग्लोबल साउथ के टिकाऊ और हरित विकास में जलवायु वित्त आवश्यक, बोले पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत इस बात पर कायम है कि ग्लोबल साउथ को टिकाऊ और हरित विकास के लिए जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी आवश्यक हैं।
केंद्रीय मंत्री ने जी-20 पर ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक हरित और सतत विकास एजेंडा’ शीर्षक से नीति आयोग की रिपोर्ट लॉन्च की। वहीं भारत में ब्राजील के राजदूत महामहिम केनेथ फेलिक्स हजिंस्की दा नोब्रेगा ने लॉन्च के बाद पैनल चर्चा में भाग लिया।
स्केल-अप वित्त से रेखांकित किया जाना जरूरी
यादव ने नीति आयोग को इस प्रकाशन को तैयार करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, भारत ने जलवायु कार्रवाई को साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों पर आधारित एक सहयोगात्मक प्रक्रिया बनाने का संकल्प सामने रखा है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिए एक तेज, न्यायसंगत परिवर्तन को गहरी उत्सर्जन कटौती और स्केल-अप वित्त से रेखांकित किया जाना चाहिए।
यादव ने कहा, ग्लोबल साउथ के देशों का जलवायु संकट में बहुत कम या कोई योगदान नहीं है। इसलिए विकसित देशों के लिए यह जरूरी है कि वे जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करें। जी-20 नई दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया है कि जलवायु एजेंडे को लागू करने के लिए 2030 तक कई ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता है।