विजयादशमी पर किया सामुहिक शमीपूजन
चित्तौड़गढ़। विजया दशमी के पावन पर्व पर ओम तत्सत् न्यास के तत्वावधान में सामूहिक शमीपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पं विकास उपाध्याय ने बताया कि दशहरे के दिन विजय मुहूर्त में शमी का पूजन करने से भगवती की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में कष्टों का निवारण होकर सब प्रकार से उन्नति, सर्वत्र विजय यश एवं लाभ की प्राप्ति होती है। पौराणिक काल में अर्जुन सहित पांडवों ने महाभारत युद्ध से पूर्व शमी में अपराजिता देवी का पूजन करके अमोघ शस्त्र प्राप्त किए तथा युद्ध में विजयश्री प्राप्त की थी। शास्त्री अनिलकुमार जोशी के अनुसार दशहरा पर्व पर रावण रूपी रोग क्लेश तथा बुराइयो के नाश के साथ ही शमी पूजन एवं शस्त्र पूजन करने से चतुर्दिक समृद्धि मिलती है । जो भी इस दिन अपराजिता का अर्चन करता है, उसे सब कामनाओं की पूर्ति भी होती है। प. कौशल शर्मा, रतन, दीपक शर्मा, ओमा, प. पंकज, कमलेश भारद्वाज, प. किशन शर्मा आदि विद्वानों ने देवी शक्ति के विशिष्ट फलदायी स्तोत्र का विधि विधान के साथ पाठ करके सबके लिए यश लाभ की कामना की। इस आयोजन में भरत सोनी, नारायण शर्मा, विनोद तोमर, प्रह्लाद हेड़ा, बालमुकुंद मेनारिया, भरत शर्मा, सुरेश पंचोली, शैलेश मेनारिया, इन्दु बुंदवाल सहित मातृ शक्ति का विशेष सहयोग रहा।