नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप का चौथे वर्ष में हुआ प्रवेश

आसींद (सुरेंद्र संचेती) श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के सानिध्य में नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले इस सामूहिक जाप में सैंकड़ों की संख्या में श्रावक श्राविकाएं बड़ी ही श्रद्धा के साथ उपस्थित होते है। जाप में आने वाले श्रद्धावान श्रावक श्राविकाओं को कूपन दिया जाता है जिसे जाप के पश्चात लाटरी द्वारा खोला जाता है जिसमे विजेता रहने वाले श्रद्धालुगण को गुप्त लाभार्थी परिवारों द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
जैन धर्म सत्य, अहिंसा, विश्व शांति का सदैव उपदेशक रहा है। इसमें सबसे बड़ा महामंत्र माना गया है तो वह विश्व शांति प्रदायक महामंगलकारी नवकार महामंत्र है। इस मंत्र में पांच पद 35 अक्षर होते हैं। यह 84 लाख मंत्रों का राजा माना गया है इसके जाप व श्रवण मात्र से मनुष्य आत्मिक सुख, शांति, समृद्धि व वैभव को प्राप्त करता है ।भगवान पारसनाथ ने जब जलते हुए नाग व नागिन को यह महामंत्र सुनाया तो वह इसके प्रभाव से स्वर्ग में धरणेंन्द्र एवं पद्मावती नमक देव देवी हुए। जो नवकार मंत्र पर आस्था रखते हैं वह अपनी मनोकामना करके जन्म-जन्मांतर के पापों से छुटकारा प्राप्त कर लेते हैं।
नवकार महामंत्र एक शाश्वत मंत्र हैं इसके जपने से शाश्वत सुखो की प्राप्ति होती हैं। नवकार महामंत्र का व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा पर सबसे शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है। यह सभी पापों को धो सकता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास और संतुष्टि की ओर ले जाता है। नवकार महामंत्र पांच प्रकार का नमस्कार है जो जाप करने वालों के सभी पापों को नष्ट करता है।
नवकार महामंत्र में पांच पद होते हैं पहला पद नमो अरिहंताणं दूसरा पद नमो सिद्धाणं, तीसरा पद नमो आयरियाणं, चौथा पद नमो उवज्झायाणं,पांचवा पद नमो लोए सव्वसाहूणं इस तरीके से पांच पद होते हैं जिनमें 35 अक्षर व 58 मात्राएं होती हैं। नवकार महामंत्र के जाप से दिमाग से सकारात्मक ऊर्जा निकलती हैं, जिससे नकारात्मक विचार कम हो जाते हैं।
*नवकार मंत्र का अर्थ*
नमो अरिहंताणं - अरिहंतो को नमस्कार हो
नमो सिद्धाणं- सिद्धो को नमस्कार हो
नमो आयरियाणं- आचार्यों को नमस्कार हो
नमो उवज्झायाणं- उपाध्यायों को नमस्कार हो
नमो लोए सव्वसाहूणं- लोक के सभी साधुओं को नमस्कार हो
*नवकार महामंत्र शक्तिशाली क्यों है?*
नवकार मंत्र का जाप करते समय वास्तविक व्यक्तियो से अधिक पंच परमेष्ठी के गुणों को अधिक महत्व दिया जाता है। नवकार मंत्र का उद्देश्य किसी भी व्यक्तिगत इकाई के प्रति अहंकार या लगाव के बिना आध्यात्मिक रूप से प्रगति करना है। यह एक गहन एवं अत्यंत शक्तिशाली मंत्र हैं इसलिए इसे सभी मंत्रो का राजा भी माना जाता है।