लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत-पशुपालन मंत्री कटारिया
भीलवाड़ा, मूलचन्द पेसवानी
राजस्थान सरकार में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया बुधवार को भीलवाड़ा पहुंचे। उन्होंने भीलवाड़ा में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर लंपी स्किन डिजीज की स्थिति और रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा के कार्यालय पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
कटारिया ने कहा कि पशुओं में गौवशं में इस समय सकंट के दौर से गुजर रहा है इसके लिये हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। जिस प्रकार कोरोना के समय मानव जीवन पर संकट आया था उसी प्रकार गौंवश पर इस समय मुश्किल समय आया है इसमें सभी स्तरों पर सामूहिक प्रयास से हम लम्पी पर रोकथाम के लिये प्रसारत है।
पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए पशुकेंद्रों पर संसाधन व एंबूलेंस की व्यवस्थाएं की जानी है। मेन पाॅवर बढ़ाने सहित संसाधनों के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किये गये है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में सबसे पहले गौवंश में रोग की रोकथाम के लिए निशुल्क दवाईयां उपलब्ध करायी है।
कटारिया ने कहा कि पशुकेंद्रों पर 300 एलएसए लगाये गये है। 700 की सूची तैयार की गयी है। इनको फिल्ड में लगाया जायेगा। 200 पशु चिकित्सकों की भर्ती की गयी है। 900 पशु चिकित्सकों की सूचि पर फेसला आने वाला है।
उन्होंने इस अवसर पर लम्पी डिजिज के बारे में उपलब्ध संसाधनों, आवश्यकता, पशु विभाग में कार्यरत कार्मिकों, नयी नियुक्ति, आमजन से सहयोग व गौशालाओं व पशु मित्र बनाकर उनसे सहयोग लेने, दवाईया टीकाकरण, उपचार, साफ सफाई, जिले में पशुधन की स्थिति, रोगग्रस्त, और ठीक और मृत पशुओ के बारे मे, उनके निस्तारण के बारे में विस्तार से जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
इस अवसर पर उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली और इस बारे में अवेयरनेस कार्यक्रम और कृषि व पशुपालन विभाग के समन्वय से कार्य करने और पशुमित्रों से सहयोग लेने, लम्पी डिजिज के मैकेनिज्म पर कार्य करने व विभागीय संसाधन व अन्य किसी भी प्रकार की आवश्यकता के बारे में बताने के लिये व जिले में गोशालाओं व पशुधन का निरीक्षण कर बीमार पशुओ को अलग करने के लिये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोवंश को बचाने के लिये धन की कमी नही आने दी जायेगी और संसाधन और कार्मिको की नियुक्ति जल्द की जा रही है। हम हर संभव इससे निपटने का प्रयास कर रहे है।
दवाइयों की खरीद के लिए किए आवश्यक वित्तीय प्रावधान-
कटारिया ने कहा कि रोगी पशुओं के उपचार के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिलों में स्थानीय स्तर पर दवाइयों की खरीद के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा कॉन्फेड के माध्यम से जिलों की मांग अनुरूप औषधियों की आपूर्ति भी की जा रही है। उन्होंने प्राप्त औषधियों को जिला औषधि भंडार में अनावश्यक नहीं रखकर तुरंत संस्थाओं को भिजवाने के निर्देश दिए।
आयुर्वेदिक औषधियों के मिले प्रभावी परिणाम-
कटारिया ने बताया कि लंपी रोग के बचाव एवं रोकथाम के लिए आयुष विभाग की सुझायी गई आयुर्वेदिक औषधियां काफी कारगर साबित हो रही है। उन्होंने इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि जालौर जिले में भामाशाहों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवायी गई। औषधियों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।