मौसमी बीमारियों के प्रकोप से आमजन प्रभावित

मौसमी बीमारियों के प्रकोप से आमजन प्रभावित
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चित्तौड़गढ़। जिले में मौसमी बिमारियों का प्रकोप बढने से चिकित्सालयो में रोगियों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है। मौसम में लगातार हो रहे परिर्वतन के कारण डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस जैसी बीमारी पैर पसार रही है, जिसके कारण चिकित्सालयो में चिकित्सक कक्ष से लेकर वार्डो में रोगियों की भीड़ लग रही है। बरसात के मौसम में होने वाली मौसमी बिमारियों के चलते जिला चिकित्सालय में मरीजों की भारी भीड़ पड़ रही है, रोगियो की संख्या बढने से वार्डो में फर्श पर लैटाकर रोगिया का उपचार करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में जल जनित बीमारियांे के मरीज बढ़ रहे हैं, जिससे जिला चिकित्सालय में करीब 3 गुने मरीज आउटडोर में पहुंच रहे है। पर्ची काउंटर, दवा काउंटर और चिकित्सकों के कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है। खास तौर पर महिला बाल चिकित्सालय के शिशु वार्ड सहित शिशु विशेषज्ञों के कक्ष के बाहर व घरों के बाहर बच्चों में बिमारी फैलने से हालात चिंताजनक है। मौसमी बीमारियों के कारण जिला चिकित्सालय सहित सभी छोटे बड़े चिकित्सालयों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। 
बढती बिमारियों से प्रशासन बेखबर
एक ओर मौसमी बिमारियो का प्रकोप बढता जा रहा है, वही दूसरी ओर जिला प्रशासन एंव नगर परिषद प्रशासन ऐसे हालातमे भी पूरी तरह बेखबर नजर आ रहे है। जिला मुख्यालय पर नगर परिषद द्वारा मच्छर जनित रोगो से बचाव के लिये फौगिंग सहित किसी भी प्रकार की गतिविधियों को नजर अंदाज करने से रोगियों की सख्या मंे लगातार वृद्धि हो रही है। कमोबेश जिला मुख्यालय के ऐसे हालात को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की केवल कल्पना ही की जा सकती हैै। प्रावधान अनुसार शहरी क्षेत्रों मंे शहरी निकाय एंव ग्रामीण क्षेत्रो में पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा मलेरिया रोधी कार्यवाही की जाती है लेकिन उसके अभाव में शहर एंव ग्रामीण क्षेत्र के लोग रोगों की चपेट में आ रहे है। नगर परिषद के पास फौगिंग के लिये उपलब्ध बड़ी मशीन लम्बे अर्से से नकारा पड़ी है। ऐसी स्थिति में चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गये संसाधन भी नाकाफी साबित हो रहे है। 
 

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