खड़गे स्टाइल में कांग्रेस लड़ेगी 2024 का लोकसभा चुनाव, CWC की बैठक में हुआ गहन मंथन
मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद तेलंगाना में पहली CWC बैठक संपन्न हो गई है। बैठक में खड़गे के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद रहे। बैठक में खड़गे द्वारा ही शुरुआती संबोधन दिया गया और जिन मुद्दों का उन्होंने जिक्र किया, वो बताने के लिए काफी रहा कि कांग्रेस किस राह पर आगे बढ़ने वाली है। उनकी तरफ से एक तरफ जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया गया तो दूसरी तरफ उन्होंने इंडिया गठबंधन पर भी विस्तार से बात की।
खड़गे के मुद्दे, 2024 की रणनीति
CWC की बैठक में जिस तरह से मल्लिकार्जुन खड़गे ने तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी, जिस तरह से उन्होंने बीजेपी पर वार किया, ये साफ हो गया कि इस बार कांग्रेस ‘खड़गे स्टाइल’ में चुनाव लड़ने जा रही है। CWC की बैठक में अपनी बात रखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि तेलंगाना में बैठकर ये मीटिंग की जा रही है, ये नहीं भूलना चाहिए कि सोनिया गांधी की कोशिशों ने ही इसे राज्य बनाया। हम उनको विश्वास दिलाते हैं कि तेलंगाना में भी हमारी सरकार बनेगी, हम वहां के लोगों के सपने भी जरूर पूरे करेंगे।
खड़गे ने आगे कहा कि राहुल गांधी जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गरीब, वंचित, किसानों का मुद्दा उठाया, सभी वर्गों ने उनका साथ दिया, उस यात्रा में हिस्सा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक राहुल गांधी ने जो मोहब्बत की दुकान का नारा दिया, वो पूरी दुनिया में आम जनता की आवाज बन गया है। अब खड़गे ने अपने संबोधन में राहुल गांधी की तारीफ तो की ही, इसके साथ-साथ मोदी सरकार पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगा दिया।
धर्मनिरपेक्ष वाली छवि पर धब्बा का आरोप
इसे लेकर खड़गे ने बोला कि मणिपुर में जो हुआ, वो पूरी दुनिया ने देखा। आज भी वहां पर हिंसा जारी है, बड़ी बात ये है कि मोदी सरकार ने उस हिंसा को नूंह तक पहुंचने दिया। इसी वजह से राजस्थान, दिल्ली और यूपी में भी हालात बिगड़े। कांग्रेस अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं की वजह से ही भारत की धर्मनिरपेक्ष वाली छवि पर धब्बा लगा है। सभी को साथ मिलकर इन्हें बेनकाब करना चाहिए और लड़ना चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल ही मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा CWC को भंग कर दिया गया था। तब उन्होंने 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया था। यहां ये समझना जरूरी है कि कांग्रेस के जितने भी बड़े फैसले होते है, वो CWC द्वारा ही लिए जाते हैं। सबसे पहले दिसंबर 1920 में CWC का गठन किया गया था। उस समय उसकी अध्यक्षता सी विजयराघवाचार्य ने की थी।