संविदा कार्मिकों ने लगाया वादा खिलाफी का आरोप
चित्तौड़गढ़। राजस्थान विद्यार्थी मित्रों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। सरकार द्वारा जारी पंचायत सहायकों, शिक्षा कर्मियों, पैराटीचर्स एवं मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में वृद्धि के प्रस्ताव की दी जिसमें बीएड, बीएसटीसी एवं डीएलईडी की शैक्षणिक योग्यता वाले विद्यालय सहायकों को ही मानदेय में वृद्धि करते हुए 16 हजार 900 रूपये के साथ ही सभी पदों पर 9 व 18 वर्ष की संविदा सेवा अवधी पूर्ण करने पर मासिक मानदेय 29 हजार 600 एवं 51 हजार 600 रूपये की घोषणा हाल ही में की गई हैं। जिससे जिले के 336 एवं राजस्थान में 7694 विद्यालय सहायक वंचित रह गये हैं। वंचित विद्यालय सहायकों ने समान काम समान वेतन के आधार पर शैक्षणिक योग्यता में शिथिलता देकर 16 हजार 900 रूपये का मानदेय देते हुए पंचायत शिक्षक केडर में शामिल करवाने हेतु जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही 2008 में सरकार ने जिस प्रकार प्रबोधकों को ब्रिज कोर्स करवाकर नियमित किया उसी प्रकार वंचित 7694 अप्रशिक्षित विद्यालय सहायकों को भी ब्रिज कोर्स करवाने की स्वीकृति प्रदान करें तथा संविदा सेवा नियम 2022 के बिन्दु संख्या 20 के अनुसार 05 वर्ष से अधिकर अनुभव वाले कार्यरत समस्त विद्यालय सहायक के पूर्व के अनुभव को सेवा नियम में जोड़ कर स्क्रीनिंग करते हुए चुनावी घोषणा पत्र अनुसार नियमित नियुक्ति कराने की स्वीकृति प्रदान करने की मांग की। उक्त मांगे नही मानने पर आगामी दिनों में शीघ्र ही प्रदेश स्तर पर आन्दोलन कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदार राज्य सरकार की होगी। इस मौके पर द्वारकाधीश सोनी, रूपेन्द्र सिंह, मुकेश शर्मा, दिनेश खटीक, मुकेश तिवारी, मुन्ना साहु, किशन गुर्जर, पवन जैन, रेणु स्वर्णकार, मिनाक्षी भाटी, रेखा सोनी, सरोज खुराना, प्रेम सिंह, देवकिशन जाट, अब्बास खां, कैलाश रावत, शौभाग पटवा, शिव गुर्जर, शांतिलाल शर्मा, हुकुम सिंह, गोपाल बंजारा, कलीम परवेज, कैलाश धाकड़, छोटु धाकड़, मिठु सुथार, मदन बुनकर, जमनालाल जाट, पन्नालाल डांगी, भगवान सिंह, नारायण गाडरी, बालु पूर्बिया, विष्णु शर्मा सहित जिले के सैंकडों विद्यालय सहायक उपस्थित थे।