नवरात्रा में शक्तिपीठों पर उमड़ा श्रृद्धा का जन सैलाब
चित्तौड़गढ़। शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिवस अश्विन शुक्ला प्रतिपदा रविवार को जिले के प्रमुख शक्तिपीठो पर विधिवत घट स्थापना के साथ ही प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तांे का तांता लगना शुरू हो गया है। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक दुर्ग स्थित कालिका माता मन्दिर में अल सवेरे से ही भक्त पैदल चल कर अपनी आराध्या के दर्शनों को पहुंचने लगे और दिनभर दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले दर्शनार्थियों की कतारें लगी रहीं। इसी प्रकार झांतला माता, असावरा माता, जोगणिया माता, एलवा माता, लालबाई-फूलबाई, सगरा माता, अम्बा माता व मरमी माता के दरबार में भी लगने वाले मेले प्रारम्भ हो गये, जहां भक्तों की खासी भीड़़ उमडी। कई भक्त तो पूरी नवरात्रि में इन शक्तिपीठों पर रह कर मां की उपासना करेंगे। इन शक्तिपीठों पर लाभ अमृतवेला में घट स्थापना के साथ ही नवरात्रि अनुष्ठान भी प्रारम्भ हो गयें। इस दौरान शक्ति उपासना के लिए दुर्गा सप्तशती, दुर्गाचालीसा, दुर्गाकवच सहित माँ दुर्गा के नवस्वरूपों की श्रद्धालु, भक्तों, पण्डितों एवं विद्वानों द्वारा आराधना का क्रम शुरू हो गया है। मंदिरों और शक्तिपीठो में विशेष श्रंृगार किया गया है। तेजाजी, भैरव जी, खाकल देव सहित अन्य लोक देवताओं के धर्मस्थलों पर भी नवरात्रि पर घट स्थापना की गई। वहीं रामायण मण्डलों, मानस मण्डलों व राम उपासकों द्वारा रामचरितमानस, सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा आदि के पाठ किये जाने लगे है। दूसरी ओर शक्ति उपासना पर्व के उपलक्ष्य में अश्विन शुक्ला प्रतिपदा संध्या बेला में नगर के विभिन्न स्थानों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी गरबा मण्डलों द्वारा नानाविध स्वरूप की देवी प्रतिमाओं की स्थापना कर गरबा रास व डांडिया नृत्य के माध्यम से माँ दुर्गा की अगवानी की जाने लगी है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर-नारी, युवक-युवतियां व बालक-बालिकायें पहले दिन से ही उत्साह के साथ भाग लेने लगे है।